पुलिस कार्रवाई के विरोध में आज उत्तराखंड बंद

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पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में बेरोजगार संघ ने शुक्रवार को उत्तराखंड बंद का आह्वान किया है। जिला प्रशासन ने दून शहर में निषेधाज्ञा धारा 144 लागू कर दी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने युवाओं से किसी के भी बहकावे में नहीं आने और भ्रमित नहीं होने की अपील की है।

बेरोजगार युवाओं ने अपनी मांगें मनवाने के लिए बुधवार को गांधी पार्क के बाहर सत्याग्रह शुरू किया था। यहां से देर रात पुलिस ने उन्हें उठा दिया। इससे गुस्साए युवा गुरुवार सुबह गांधी पार्क में जुटने लगे। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई।

राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को हटाया

वहीं सरकार ने राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती परीक्षा के विवादित होने के बाद कड़ा कदम उठाया है। सरकार ने राज्य लोक सेवा आयोग, हरिद्वार के परीक्षा नियंत्रक सुंदर लाल सेमवाल को पद से हटाते हुए बाध्य प्रतीक्षा में रखा है।

शासन ने नगर मजिस्ट्रेट, हरिद्वार अवधेश कुमार सिंह को राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक का पदभार सौंपा है। अपर सचिव कर्मेंद्र सिंह द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।

मंत्रियों ने की युवाओं से धैर्य बनाए रखने की अपील

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सभी युवा धैर्य बनाए रखें। पुष्कर सिंह धामी सरकार उनके साथ है। पूवर्वती सरकार द्वारा जो भ्रष्टाचार का तंत्र बनाया गया है सरकार उसे जड़े से उखाडऩे के लिए कृत संकल्प है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है।

शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार हर कदम पर युवाओं के साथ खड़ी है। युवा धैर्य बनाए रखें, किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। महिला सशक्तीकरण मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि युवा सरकार पर विश्वास बनाकर रखें। पुष्कर सिंह धामी युवा मुख्यमंत्री हैं और वह युवाओं की पीड़ा समझते हैं।

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि यह समय धैर्य बनाए रखने का है। सरकार का संकल्प है कि युवाओं को आगे बढ़ाना है रोजगार से जोडऩा है। सरकार लगातार इस पर कदम उठा रही है। कुछ अराजक तत्व व राजनीतिक दल युवाओं का फायदा उठाना चाह रहे हैं।

ये हैं प्रमुख मांगें

भर्ती परीक्षाओं में हुए घोटालों की सीबीआइ जांच कराई जाए।
तत्काल सख्त नकलरोधी कानून लागू किया जाए।
नकल करके नौकरी पाने वालों की सूची सार्वजनिक की जाए।
भर्ती घोटालों की जांच पूरी होने और नकलरोधी कानून लागू होने के बाद ही भर्ती परीक्षाएं कराई जाएं।

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