बता दें कि कोर्ट ने इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि 4 लोगों को बरी कर दिया गया था। पीड़िता के पिता की मौत 9 अप्रैल, 2018 को पुलिस हिरासत में हो गई थी। सजा पाने वालों में दो यूपी पुलिस के अधिकारी भी हैं। एक उस समय के माखी थाना के एसएचओ थे, वहीं दूसरा उस समय के माखी थाना के सब इंस्पेक्टर थे। बीजेपी से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 2017 में कथित रूप से महिला का अपहरण कर रेप किया था, जब वह नाबालिग थी।
कोर्ट ने पिछले साल 20 दिसंबर को सेंगर को लड़की के दुष्कर्म के आरोप में जेल भेज दिया था। उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग को अगवाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। दिल्ली कोर्ट ने दोषी कुलदीप सिंह सेंगर (53) को 20 दिसंबर को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उसे मृत्यु तक जेल में रखने के आदेश दिए थे। सेंगर पर 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था. कुलदीप सेंगर की विधानसभा सदस्यता भी रद्द की जा चुकी है।