निर्भया केस : राष्ट्रपति ने खारिज की दोषी पवन की दया याचिका

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नई दिल्ली : निर्भया (Nirbhaya) के हत्यारों की फांसी का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति ने दोषी पवन (Pawan) की दया याचिका खारिज कर दी है। दोषियों के पास अब सभी विकल्प खत्म हो चुके हैं। वैसे तो 3 मार्च सुबह 6 बजे फांसी होनी थी लेकिन दिल्ली (Delhi) की पटियाला (Patiala) हाउस (House) कोर्ट (Court) ने निर्भया (Nirbhaya) के हत्यारों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी।

अदालत ने ये रोक इस वजह से लगाई थी क्योंकि निर्भया (Nirbhaya) के एक हत्यारे पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित थी। अब राष्ट्रपति ने उसी पर फैसला लिया है।

अब जारी होगा नया डेथ वारंट

निर्भया (Nirbhaya) के हत्यारों को 3 मार्च सुबह 6 बजे फांसी के फंदे पर लटकाया जाना था। लेकिन कानून की खामियों का फायदा उठाते हुए निर्भया के हत्यारे पवन ने सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगा दी थी। जिसके बाद अदालत ने इसी को ध्यान में रखते हुए फांसी की सजा को अगले आदेश तक टाल दिया।

अदालत का मानना था कि राष्ट्रपति कब दया याचिका पर फैसला करेंगे फिलहाल इस बारे में अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लिहाजा दया याचिका पर फैसला आने के बाद ही नया डेथ वारंट जारी किया जाएगा। अब चूंकि राष्ट्रपति ने फैसला ले लिया है इसलिए जल्द ही नया डेथ वारंट जारी किया जाएगा।

तीन बार डेथ वारंट पर लग चुकी है रोक

पहला डेथ वारंट 7 जनवरी को जारी हुआ था। जिसके तहत 22 जनवरी को फांसी होनी थी। उस डेथ वारंट पर कार्रवाई होने से पहले ही 17 जनवरी को एक नया डेथ वारंट जारी हो गया क्योंकि निर्भया (Nirbhaya) के हत्यारे विनय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई हुई थी। इस दूसरे डेथ वारंट पर भी 1 फरवरी को रोक लग गई क्योंकि बाकी 2 हत्यारों पवन (Pawan) और अक्षय के पास कानूनी विकल्प मौजूद थे।

इसके बाद एक बार फिर 17 फरवरी को डेथ वारंट जारी किया गया। जिस पर एक बार फिर रोक लग गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हत्यारे पवन ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगा रखी थी जिस पर कोई फैसला नहीं आया था।

 

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