नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के मुद्दे पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली (Delhi) में हिंसा और भाजपा (BJP) नेताओं के भड़काऊ बयानों को लेकर दिल्ली (Delhi) हाईकोर्ट (High court) के जज जस्टिस (Justice) एस मुरलीधर (Muralidhar) ने पुलिस (Police) और सरकार को फटकार लगाई थी। अब उनका ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (High court) कर दिया गया है। वे हाईकोर्ट (High court) में जजों के वरिष्ठता क्रम में तीसरे स्थान पर थे।
Transfer of Hon’ble Justice Muralidhar was done pursuant to the recommendation dated 12.02.2020 of the Supreme Court collegium headed by Chief Justice of India. While transferring the judge consent of the judge is taken. The well settled process have been followed.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) February 27, 2020
कानून मंत्रालय ने बुधवार देर रात उनके तबादले का नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चीफ जस्टिस (Justice) ऑफ इंडिया एसए बोबडे के साथ विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया। इससे पहले 12 फरवरी को सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (Court) के कॉलेजियम ने जस्टिस (Justice) मुरलीधर समेत तीन जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की थी। दिल्ली (Delhi) हाईकोर्ट (High court) बार एसोसिएशन ने पिछले हफ्ते कॉलेजियम से ट्रांसफर पर पुनर्विचार की मांग की थी।
वहीं, इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस ने रातों रात हाईकोर्ट (High court) जज के ट्रांसफर को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। राहुल (Rahul) गांधी (Gandhi) ने ट्वीट किया- बहादुर जज लोया को याद करो, जिनका ट्रांसफर नहीं हुआ था।
Remembering the brave Judge Loya, who wasn’t transferred.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 27, 2020
वहीं, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि सबकुछ तय प्रक्रिया के मुताबिक ही किया गया है।