नई दिल्ली : आतंकियों संग पकड़े गए डीएसपी दविंदर सिंह की दो बेटियां बांग्लादेश में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। ऐसे में जांच एजेंसी को शक है कि बेटियों की पढ़ाई का खर्च हवाला के पैसे से हो रहा है। डीएसपी के घर तलाशी में सेना की 15 कोर का फुल लोकेशन मैप मिला है। सेना का मैप मिलने से आशंका जताई जा रही है कि सेना की कई जानकारियां आतंकियों और पाकिस्तान तक पहुंच सकती है। साथ ही साढ़े सात लाख रुपये कैश बरामद किया है। संभव है कि यह पैसा हवाला का हो।
सुरक्षा एजेंसियां हिजबुल कमांडर नवीद बाबू के साथ गिरफ्तार निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह के पाकिस्तानी कनेक्शन खंगालने में जुट गई हैं। उसके तथा उसके रिश्तेदारों के घर को खंगाला गया है। खुद डीजीपी दिलबाग सिंह का भी कहना है कि मामले में बड़ा कनेक्शन सामने आ सकता है। इसके तार कहीं भी, किसी से भी जुड़े हो सकते हैं। यह बड़ा मामला है। इसलिए मामले की जांच नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) को देने की सिफारिश की गई है। डीएसपी को बर्खास्त करने की सिफारिश के साथ उसे मिला स्टेट अवार्ड को वापस ले लिया गया है। मामले में एनआईए जल्द प्राथमिकी दर्ज करेगी।
सूत्रों का कहना है कि बुधवार को दिल्ली में एनआईए के अधिकारियों ने गृह सचिव से मुलाकात की। इस मामले की जांच आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे। एनआईए से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मामला हाथ में लेने के बाद जांच एजेंसी जम्मू में आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करेगी। जिस दिन डीएसपी की गिरफ्तारी हुई थी उस दिन वकील इरफान अहमद मीर (आतंकी संगठनों का ओवरग्राउंड वर्कर) भी पकड़ा गया था। यह एनआईए के लिए पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा सबूत बन सकता है, क्योंकि वह पांच बार भारतीय पासपोर्ट पर पाकिस्तान गया था। आरोप है कि वह पाकिस्तान से आदेश हासिल करता रहा है।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि इस मामले की तमाम एजेंसियां जांच कर रही हैं। सही समय पर इस मामले की जांच की जानकारियां साझा की जाएंगी। अब तक की जांच यही है कि वह आतंकियों के लिए काम कर रहा था। पाकिस्तान से कनेक्शन की बात अभी सामने नहीं आई है। लेकिन सभी पहलुओं पर जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई रियायत नहीं होगी। आतंकी की मदद करने वाले को आतंकी समझ कर उसके खिलाफ तय कानून के तहत कार्रवाई होगी।