जहांगीरपुरी में बुलडोजर को नहीं मिला SC का आदेश

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नई दिल्ली: जहांगीरपुरी में दंगे के आरोपियों के अतिक्रमण को बुलडोजर से गिराने की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। अदालत ने कहा उत्तरी दिल्ली नगर निगम को फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।  अदालत ने कहा कि फिलहाल अतिक्रमण को गिराने की कार्रवाई को रोक देना चाहिए।

नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे, कपिल सिब्बल, पीवी सुरेंद्रनाथ और प्रशांत भूषण ने अदालत में पक्ष रखा। दुष्यंत दवे ने निगम की कार्रवाई को अवैध बताते हुए कहा कि अतिक्रमण को ढहाने के लिए बुलडोजर भेजने से पहले लोगों को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था।

उन्होंने कहा कि यह पूरी कार्रवाई पूरी तरह से अवैध है और किसी को भी नोटिस जारी नहीं किया गया। इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।

अदालत ने कहा कि दूसरे मामले के साथ ही कल इस पर सुनवाई की जाएगी। अदालत की ओर से कल सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश जारी किया जाएगा। हालांकि अदालत के आदेश के बाद भी जेसीबी से निगम की कार्रवाई जारी थी और उसने यह कहते हुए कुछ अवैध निर्माण गिरा दिए कि उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी अभी नहीं मिली है।

MCD को निर्णय लेने दें: विशेष सीपी दीपेंद्र पाठक

जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनाए रखने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विशेष सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा, ‘नागरिक एजेंसी (उत्तरी दिल्ली नगर निगम) को निर्णय लेने दें..हम यहां नागरिक एजेंसी को समर्थन और सुरक्षा प्रदान करने के लिए हैं।’

MCD ने कहा, आदेश नहीं मिला

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर राजा इकबाल सिंह कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी दिल्ली में नागरिक निकाय द्वारा किए जा रहे विध्वंस अभियान पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।

गौरतलब है कि जहांगीरपुरी में बुधवार को सुबह ही 9 बुलडोजर पहुंच गए थे और दंगे के आरोपियों के अतिक्रमण को गिराने की तैयारी थी। इस कार्रवाई से पहले बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी।

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