नई दिल्ली: कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों से अब बार्डर खाली होने लगे हैं। टेंट हटने के साथ ही एनएचएआइ और नगर निगम की टीमें यहां सफाई और मरम्मत का काम करने लगी है।
उम्मीद लगाई जा रही है कि अगले सप्ताह तक इन सभी सड़कों को इस तरह से कर दिया जाएगा कि वाहन चालक यहां फिर से फर्राटा भरने लगेंगे। यूपी गेट की बात करें तो नगर निगम ने अपनी एक टीम यहां सफाई के लिए लगा दिया है। इसके अलावा एनएचएआइ ने भी अपनी एक टीम को टूटी सड़कों और अन्य चीजों की रिपेयरिंग के लिए लगा दिया है।
कुछ कर्मचारी यहां सोमवार को काम करते भी देखे गए। एनएचएआइ की टीम ने रविवार को भी कुछ अधिकारियों के साथ यहां का दौरा किया था, टीम सबसे पहले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे को खोलना चाह रही है। क्योंकि इस पर बहुत अधिक टेंट नहीं लगे थे, मंच बना हुआ था वो हट चुका है।
यहां खोड़ा के पास से सर्विस लेन पर सबसे अधिक टेंट लगे हुए हैं, इनको हटाए जाने का काम चल रहा है। इस सप्ताह सभी टेंटों के हट जाने की उम्मीद है उसके बाद उसे वाहन चालकों के चलने के लायक कर दिया जाएगा।
उधर सोनीपत से मिली सूचना के अनुसार किसान आंदोलन के बाद एक साल से ज्यादा वक्त से बंद जीटी रोड सोमवार शाम से दोबारा आवागमन के लिए खुल सकता है। दिल्ली पुलिस और एनएचएआइ के साथ को-आर्डिनेशन के बाद सोनीपत पुलिस ने दी जानकारी। पुलिस के अनुसार सोमवार शाम को जीटी रोड का दिल्ली से पानीपत वाला लेन वाहनाें के लिए खोला जाएगा।
सोनीपत की सीमा में कुंडली बार्डर तक रोड का यह लेन बिल्कुल साफ है। केवल दिल्ली की सीमा में दिल्ली पुलिस की ओर से लगाए गए भारी बैरिकेड्स इसमें बाधा बने हुए हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से इसे हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने बताया कि दोपहर बाद तक एक लेन को साफ कर दिया जाएगा, जिसके बाद शाम से वाहनों का आवागमन शुरू हो सकता है।