बिल्कुल भी पसीना न आना जानलेवा साबित हो सकता है

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चाहे सर्दी हो या गर्मी, शरीर में पसीना आना बहुत जरूरी होता है। इससे न सिर्फ शरीर के अंदर की गंदगी बाहर निकलती है बल्कि तापमान भी नियंत्रित रहता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को बिल्कुल भी पसीना नहीं आता या फिर बहुत कम आता है तो फिर यह स्थिति जानलेवा भी साबित हो सकती है। इस स्थिति को दो भागों में समझा जा सकता है-Anhidrosis (ऐन्हीड्रोसिस) और Hypohidrosis (हाइपोहीड्रोसिस)..

क्या है ऐन्हीड्रोसिस और हाइपोहीड्रोसिस

ऐन्हीड्रोसिस (Anhidrosis) एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति को बिल्कुल भी पसीना नहीं आता, जबकि हाइपोहीड्रोसिस की स्थिति में व्यक्ति को सामान्य से कम पसीना आता है। जिन लोगों को भारी भरकम काम और एक्सर्साइज के बाद भी पसीना नहीं आता उनमें हीट स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। ज्यादा तापमान होने की वजह से यह गंभीर रूप ले सकता है और दिमाग के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों को भी डैमेज कर सकता है।

जानलेवा हो सकता है ऐन्हीड्रोसिस
International Hyperhidrosis Society के अनुसार, पसीना न आना जानलेवा भी साबित हो सकता है। ऐन्हीड्रोसिस से पीड़ित लोग अगर उच्च तापमान में कोई कड़ी एक्सर्साइज करते हैं या अधिक भार वाला काम करते हैं तो उनकी जिंदगी के लिए खतरा पैदा हो सकता है। पसीना न आने की वजह से उन्हें हीट स्ट्रोक के अलावा बेहोशी और चक्कर आने लगते हैं। कुछ मामलों में तो हीट संबंधी प्रॉब्ल्म का ट्रीटमेंट नहीं हो पाता जिसकी वजह से व्यक्ति या तो कोमा में जा सकता है या फिर उसकी मौत भी हो सकती है।

ऐन्हीड्रोसिस कई कारणों से हो सकता है, जैसे:
दवाइयां: कुछ दवाइयां ऐसी होती हैं जो स्वेट ग्लैंड्स के कार्य में अवरोध पैदा करती हैं और उन्हें ब्लॉक कर देती हैं। खासकर वे दवाइयां जिनका प्रयोग मानसिक परेशानियों के इलाज में किया जाता है।

अनुवांशिक: कुछ लोगों में जन्मजात स्वेट ग्लैन्ड होती ही नहीं है। हालांकि ऐसे मामले बहुत ही कम होते हैं।

नसों में चोट: अगर उन नसों को चोट पहुंचे जो ब्लड प्रेशर से लेकर पसीना और अन्य अंदरूनी अंगों के कार्य को नियंत्रित करती हैं, तो उससे भी ऐन्हीड्रोसिस यानी पसीना न आने की स्थिति बन सकती है।

त्वचा संबंधी समस्याएं: ये समस्याएं ऐन्हीड्रोसिस का मुख्य कारण मानी जाती हैं। ये समस्याएं रोम छिद्रों को ब्लॉक कर देती हैं, जिसकी वजह से पसीना निकलना बंद हो जाता है।

पानी की कमी: शरीर में पानी की कमी और स्किन पर किसी तरह की चोट लगने से भी पसीना न आने की स्थिति पैदा हो सकती है।

ऐन्हीड्रोसिस का इलाज
International Hyperhidrosis Society के मुताबिक, इसका इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है। कुछ मामले तो इतने गंभीर होते हैं कि उनका इलाज आसान नहीं होता। लेकिन अगर भीषण गर्मी या फिर ठंड में भी पसीना न आए, कोई एक्सर्साइज या भारी-भरकम काम करने पर भी पसीना महसूस न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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