- पुरी में होनी वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर भी लहरा रहे ‘कोरोना संकट’ के बादल
- बिना परंपराओं को तोड़े कोरोना के खतरे से बचकर किस तरह से रथयात्रा निकाली जाए, इसके विकल्पों पर हो रहा विचार
- दइतापति निजोग प्रस्ताव- पुरी की सभी सीमाओं को सील करके रथयात्रा कराने की मिले इजाजत
मंदिर में चल रही रथ निर्माण की तैयारी
पत्र में कहा गया है कि रथयात्रा में बाहरी लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जाएगा। दइतापति निजोग ने सचिव दुर्गादास महापात्र ने बताया कि पत्र में यह भी कहा गया है कि रथयात्रा में शामिल होने वाले लोगों का पहले मेडिकल चेकअप कराया जाएगा। आपको बता दें कि पुरी में 23 जून को रथ यात्रा निकलनी है। 26 अप्रैल यानी अक्षय तृतीया से इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। मंदिर में रथ निर्माण की तैयारी भी होने लगी है।
… तो टूटेगी 284 सालों की परंपरा
संभावना इस बात की भी है कि मंदिर के पुरोहितों और सरकार में मंदिर में ही रथयात्रा कराने की सहमति बने। 12वीं सदी में पुनर्निर्मित हुए भगवान जगन्नाथ के इस मंदिर में 1736 से लगातार रथयात्रा का आयोजन हो रहा है। ऐसे में अगर कोविड-19 के खतरे के चलते इसे निरस्त किया जाता है तो यह 284 सालों में पहली बार होगा।