WHO: फाइजर का टीका बुजुर्गों के लिए भी सुरक्षित

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि नार्वे में बुजुर्गों की मौत में फाइजर-बायोएनटेक टीके का कोई योगदान था। दुनिया के कई देशों में कोरोना से बचाव के लिए फाइजर-बायोएनटेक के टीके लगाए जा रहे हैं। कई जगहों से वैक्सीन (Vaccine) के दुष्प्रभाव और नॉर्वे में वैक्सीन लगवाने के बाद बुजुर्गों की मौत की खबर आई थी।

इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्टीकरण जारी किया है। डब्ल्यूएचओ ने आग्रह किया है कि वैक्सीन की खुराक अभी भी इस्तेमाल की जाए। डब्ल्यूएचओ (WHO) ग्लोबल एडवाइजरी कमेटी ऑन वैक्सीन सेफ्टी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि उपलब्ध जानकारी मौत की घटनाओं में टीके की भूमिका की पुष्टि नहीं करती हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ बीमार बुजुर्गों की मौत हो गई थीं।

बीते मंगलवार को इन रिपोर्ट की समीक्षा करने के लिए पैनल की बैठक हुई थी। शुरुआती मामले पिछले हफ्ते नॉर्वे में सामने आए थे। अधिकारियों ने कहा कि संभव है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट ने पहले से मौजूद बीमारियों को बढ़ा दिया। नॉर्वे मेडिसिन एजेंसी ने सोमवार को कहा था कि कोविड-19 ज्यादातर रोगियों के लिए टीकाकरण की तुलना में ज्यादा खतरनाक है।

नॉर्वे में पिछले दिनों वैक्सीन लगवाने के बाद 29 लोगों के मरने की खबर आई थी। 75 लोगों की हालत गंभीर बताई गई थी। इनमें से 13 लोगों की वैक्सीन से मरने की पुष्टि हो चुकी है। बता दें कि सबसे पहले ब्रिटेन ने फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।

फाइजर पर कानूनी कार्रवाई कर सकता है पोलैंड

इस बीच, पोलैंड ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर फाइजर ने टीके की तय खुराक समय पर डिलीवर नहीं की तो अगले महीने वह फाइजर पर कानूनी कार्रवाई कर सकता है। फाइजर ने अपने जर्मन पार्टनर बायोनटेक के साथ कोरोनारोधी टीका विकसित किया है।

फाइजर (Pfizer) ने इस हफ्ते यूरोपीय संघ के देशों में वितरित होने वाली टीके की खुराक कम कर दी है। मामले में फाइजर और बायोनटेक ने पिछले हफ्ते के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। पिछले सप्ताह डिलीवरी में कटौती की घोषणा की थी।

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