POK पर वेदर रिपोर्ट, भारत ने पाकिस्तान को दिए 3 कड़े संदेश

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  • एनएसए अजीत डोभाल ने टीवी चैनलों से पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान के इलाकों का मौसम अपडेट दिखाने को बोला है
  • इसकी शुरुआत करीब 3 महीने पहले हुई थी जो 3 फरवरी को विदेश और गृह मंत्रालय के सचिवों को भेजा गया था
  • पिछले ही हफ्ते इसकी मंजूरी मिली है, जिसके बाद मौसम अपडेट दिखाना शुरू कर दिया गया है
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने टेलीविजन चैनलों से कहा है कि वह अपनी मौसम की रिपोर्ट में पीओके और उत्तरी इलाकों का अपडेट भी बताएं। इससे इमरान खान के पाकिस्तान के खिलाफ भारत की स्ट्रेटिजी में एक बड़े बदलाव का इशारा मिल रहा है। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा करने का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) ने किया है।
अधिकारियों के मुताबिक इसकी शुरुआत करीब 3 महीने पहले हुई थी। 3 फरवरी को विदेश और गृह मंत्रालय के सचिवों को इससे जुड़ा प्रस्ताव भेजा गया था। इसके अलावा यह प्रस्ताव इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ (रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग) के प्रमुखों को भी भेजा गया था। पिछले ही हफ्ते इसकी मंजूरी मिली है।

पाकिस्तान को 3 कड़े संदेश
सरकार ने दूरदर्शन से तो कहा ही है कि वह पीओके के मीरपुर और मुजफ्फराबाद समेत उत्तरी इलाके के गिलगिट बाल्टिस्तान के मौसम की खबर दिखाए, कुछ निजी चैनलों से भी ऐसा करने को कहा है। वह भी अपने मौसम के बुलेटिन में कुछ बदलाव करेंगे। इसके जरिए भारत पाकिस्तान को कई संदेश देगा, जिनमें से ये 3 अहम हैं।

1- पाकिस्तान ने पीओके पर किया है अवैध कब्जा

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार ये भारत की बदली हुई अप्रोच को दिखाता है, जो पाकिस्तान समेत उसका साथ देने वालों के लिए कड़ा संदेश है कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के 86 हजार स्क्वायर किलोमीटर पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है।

अधिकारी ने कहा कि रोजाना मौसम का अपडेट भारत का संदेश पूरे जम्मू-कश्मीर को हर रोज देगा। रोज मौसम का अपडेट और टीवी पर दिखने वाला भारत का नक्शा ये भी साफ करेगा कि पाकिस्तान इलाके में बदलाव कर रहा है और वहां रहने वालों को परेशान कर रहा है।

2- पाकिस्तान के दोस्त चीन का विरोध
इस वक्त अपना दावा दिखाना चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर की वजह से भी जरूरी हो गया है, जो उत्तरी इलाके में गिलगिट-बाल्टिस्तान से होकर गुजरता है, जो लगभग केरल जितना बड़ा है। जब चीन ने इस इलाके में कॉरिडोर बनाने का काम शुरू किया था तो ये उम्मीद की जा रही थी कि भारत भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा। हालांकि, यह पाकिस्तानी कंट्रोल के उत्तरी इलाके से गुजरा। जब भारत ने इसका विरोध किया तो पेइचिंग ने नई दिल्ली से कहा कि भारत अभी भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बन सकता है, क्योंकि इससे कश्मीर के स्टेटस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि उसे लेकर दोनों देशों के बीच विवाद है।

3- यूके में रहने वाले पाकिस्तानी नेताओं को भी संदेश

इसके जरिए भारत एक मैसेज यूनाइडेट किंगडम में रह रहे पाकिस्तानी नेताओं को भी देना चाहता है। पाकिस्तान के मीरपुर के बहुत से लोग यूके में रहते हैं, जिनके जेरेमी कार्बन जैसे लेबर पार्टी के नेताओं से अच्छे संबंध हैं। बता दें कि जेरेमी ने ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का विरोध करते हुए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की बात कही थी।

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