कोलंबो श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है। बदहाल श्रीलंका में बिजली, रसोई गैस की भयंकर किल्लत से जनता परेशान है। रविवार को देशव्यापी बड़े प्रदर्शन से डरी सरकार ने पहले ही 36 घंटे का कर्फ्यू लगा डाला है।
श्रीलंका सरकार ने देश के इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट को लेकर रविवार को होने वाली देशव्यापी विरोध-प्रदर्शनों से पहले शनिवार को पूरे देश में 36 घंटे का कर्फ्यू लागू कर दिया। इससे पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात एक सूचना जारी कर श्रीलंका में एक अप्रैल से तत्काल प्रभाव से सार्वजनिक आपातकाल लागू करने की घोषणा की थी।
Sri Lanka imposes nationwide curfew ahead of ‘Arab Spring” style protest
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— ANI Digital (@ani_digital) April 3, 2022
कर्फ्यू लागू होने के बाद भी कोलंबो में कई जगह जारी रहा प्रदर्शन
निर्देश है कि कोई भी व्यक्ति दो अप्रैल, 2022 की शाम छह बजे से चार अप्रैल 2022 सुबह छह तक किसी लिखित अनुमति के बिना किसी भी सार्वजनिक सड़क, रेलवे, सार्वजनिक पार्क, सार्वजनिक मनोरंजन मैदान या अन्य सार्वजनिक मैदान या समुद्र के किनारे पर नहीं होगा।
’ हालांकि, शनिवार शाम छह बजे कर्फ्यू लागू होने के बाद भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन रात तक जारी रहा। कर्फ्यू के आदेश के बावजूद कोलंबो के कई उपनगरों में लोगों को विरोध प्रदर्शन करते देखा गया। हाल के हफ्तों में, देश के अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ा है।
आपातकाल में सभा की, सड़क पर एकत्र हुए तो होंगे गिरफ्तार
स्वतंत्र थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी ऑल्टरनेटिव्स’ ने आपातकाल पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘प्रतिबंधों से संविधान द्वारा दिए गए कुछ मौलिक अधिकार बाधित हो सकते हैं। इनमें बोलने की आजादी से लेकर सभा करने, आवाजाही, धर्म, संस्कृति और भाषा की स्वतंत्रता शामिल है।
’ अधिवक्ताओं ने बताया कि ये प्रतिबंध पुलिस को गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने वाले लोगों को गिरफ्तार करने की असीम शक्ति देते हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रतिबंधों पर उनके क्रियान्वयन के हर 30वें दिन संसद की मंजूरी ली जानी चाहिए।
सोमवार सुबह 6 बजे लागू रहेगा 36 घंटे का कर्फ्यू
सूचना विभाग ने कहा कि देशव्यापी कर्फ्यू शनिवार शाम 6 बजे से सोमवार (चार अप्रैल) सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की नाकामी को लेकर द्वीपीय देश में रविवार को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का आह्वान किया गया है।
ऐसे में कर्फ्यू लागू रहने के कारण लोग विरोध-प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। गजट अधिसूचना में राष्ट्रपति ने कहा, मेरी राय में श्रीलंका में आपातकाल लागू करना सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ समुदायों के लिए जरूरी वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के हित में है।
सार्वजनिक आपातकाल लागू करने के बाद राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाने के आदेश के पश्चात एक अन्य नियम में, राजपक्षे ने कहा कि कर्फ्यू के घंटों के दौरान किसी को भी बाहर निकलकर सार्वजनिक स्थानों पर नहीं जाना चाहिए।