आजादी के अमृत महोत्सव दांडी यात्रा का शानदार समापन

gujrat.jpg

नई दिल्ली: गुजरात में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 12 मार्च को साबरमती आश्रम से शुरु हुई दांडी यात्रा 6 अप्रैल मंगलवार  को दांडी में सम्पन्न हो गई। इस अवसर पर एक भव्य समापन समारोह का आयोजन किया गया।

जिसमें मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, नवसारी सांसद सीआर पाटिल और अन्य गणमान्य शामिल हुए।

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू और सभी उपस्थित गणमान्यों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि ये यात्रा का समापन नहीं हैं क्योंकि 91 साल पहले महात्मा गांधी जी ने देश के स्वाबलंबन और स्वाभिमान के जागरण के लिए जो यात्रा शुरू की थी उसी यात्रा का पुनर्जागरण 12 मार्च से शुरू हुआ है मैं इस यात्रा को आजादी के अमृत महोत्सव के अभियान की शुरूआत मानता हूं।

जिसमें पदयात्रियों ने बेमिसाल सहयोग दिया है। श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद दिया कि उन्होंने इस अभियान की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि यह हर देशवासी की जिम्मेदारी है कि वो इस महोत्सव में सहभागी बने ताकि ये महोत्सव जनमहोत्सव बन सके।

उन्होंने कहा कि हम दुनिया भर में अपना परचम लहरा रहे हैं और कोरोना वैक्सीन इसका उदाहरण है, और यशस्वी भारत विश्व गुरु की पदवी पर बैठने का अपना सफर जल्दी ही पूरा करेगा 121 लोगों के साथ पदयात्रा में शामिल होने वाले सिक्किम के मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन करते हुए कहा कि पदयात्रा में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है।

उन्होंने कहा कि मूल ऐतिहासिक दांडी यात्रा में गांधी जी के अलावा बहुत सारे लोगों की भागीदारी थी। उन्होंने कहा कि अहिंसा, असहयोग, सत्य पर आधारित दांडी मार्च आज भी हमें अत्याचार और अन्याय के खिलाफ लड़ने का हौसला देती है और यहीं प्रजातंत्र की आधारशिला है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले देशद्रोहियों की निंदा भी की।

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने कहा कि गांधी जी ने एक दृढ़ संकल्प के साथ दांडी यात्रा शुरू की थी और उनके एक संकल्प के कारण अंग्रेजों को जाना पड़ा था। हम सबको गांधी जी के बताए रास्ते को अपनाना चाहिए तभी हमारी आने वाली पीढ़ियां भी उनको आत्मसात करेंगी, सुनहरे भविष्य के लिए हमें दांडी यात्रा का महत्व नई पीढ़ी को बताना होगा

समापन समारोह के मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि गांधी जी के नमक सत्यागह ने स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा दी थी, यह आंदोलन आम नागरिकों को स्वाधीनता से जोड़ने का एक माध्यम था।

गांधी जी ने अहिंसा के रास्ते पर चलकर इतिहास रचा था। राजनीति में हम प्रतिद्वंदी हो सकते हैं लेकिन शत्रु नहीं हैं,  गांधी जी अपने विरोधियों के साथ भी मित्रवत व्यवहार करते थे। गांधी जी देश की सांस्कृतिक और चारित्रिक ह्रास और असमानता से भी व्यथित थे, उनके आंदोलन सिर्फ राजनैतिक आजादी के लिए ही नहीं थे बल्कि सामाजिक उत्थान के लिए भी थे।

1947 में देश बंटा हुआ था लेकिन 75 सालों में हमने एकता की अदभुत मिसाल पेश की है, हम हर क्षेत्र में मजबूत हुए हैं, देश का मान पूरी दुनिया में बढ़ा है, विदेशी निवेश भी बढ़ा है, भारत की आर्थिक प्रगति ने एक मिसाल पेश की है। किसानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी देश का उत्पादन बढ़ाया।

उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड समय में कोरोना वैक्सीन तैयार की है जिसका फायदा सिर्फ देशवासियों को ही नहीं दूसरे देशों को भी मिला है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल गर्व करने के साल हैं , राष्ट्र के नायकों के अनुरूप ही भारत बना है।

हमारी आजादी उनके संघर्षों की पुण्य विरासत है जिसे हमें संरक्षित रखना है। हम नए भारत की रूपरेखा तैयार करेंगे और आगामी 25 सालों में शताब्दी वर्ष में पूरा करेंगे। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।

आपको बता दें कि ऐतिहासिक दिन 12 मार्च 2021 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ का शुभारंभ किया था, इस मौके पर महात्मा गांधी जी की दांडी यात्रा की तर्ज पर साबरमती आश्रम से दांडी तक पदयात्रा को हरी झंडी दिखाई थी और केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल के नेतृत्व में 81 लोगों को रवाना किया था। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने 75 किलोमीटर नाडियाद तक पदयात्रा पूरी की थी।

Share this post

PinIt

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    scroll to top