नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन (Russia Ukraine) युद्ध (War) की वजह से अगले वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ (GDP Growth) पर असर पड़ेगा। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस-यूक्रेन युद्ध से सप्लाई (Supply) में दिक्कतों और ट्रेड में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ अगले छह से आठ महीनों में महंगाई (Inflation) में संभावित तेज बढ़ोतरी, वित्तीय दबाव और ज्यादा करंट अकाउंट डेफिसिट (CAD), इन सभी वजहों से भारत की अगले वित्त वर्ष की ग्रोथ पर बुरा असर पड़ सकता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में ग्रोथ के 8 फीसदी से कम रहने की उम्मीद है। उन्होंने महंगाई के असर को कम करने के लिए तेल पर एक्साइड ड्यूटी में कटौती की मांग की है।
31 जनवरी को पेश किए गए आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2023 में ग्रोथ के 8 से 8.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया था। इससे कुछ दिन पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने साल के लिए भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) ग्रोथ के 7.1 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया था।
रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचीं तेल की कीमतें
तेल की कीमतें करीब एक दशक की अवधि में अपने सबसे ऊंचे रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। HDFC बैंक को वित्त वर्ष 2023 में CAD के 2.3 फीसदी पर रहने का अनुमान है। निजी बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए अपनी ग्रोथ के अनुमान को पहले अनुमानित 8.2 फीसदी से घटाकर 7.9 फीसदी कर दिया है।
नोमूरा ने 4 मार्च को जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि कुल मिलाकर, भारत पर सीमित सीधा असर, सप्लाई में रूकावटों और मौजूदा व्यापार में बाधाओं से ग्रोथ प्रभावित होगी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि इससे महंगाई में तेज बढ़ोतरी होगी। इसके साथ करंट अकाउंट डेफेसिट बढ़ेगा। नोमूरा की रिपोर्ट के मुताबिक, उर्वरकों पर ज्यादा सब्सिडी और ग्राहकों को बचाने के लिए टैक्स में संभावित कटौती से फिजकल फाइनेंस को भी झटका लगेगा।