नई दिल्ली : भारतीय रेल की आम तौर पर धीमी रफ्तार को लेकर आलोचना की जाती है। रेलवे ने अब अपना पूरा ध्यान ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने पर केंद्रित किया है। औसत पैसेंजर ट्रेन की स्पीड 30% तक बढ़ाकर 80 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार करने की योजना पर रेलवे काम कर रहा है। अगले साढ़े चार साल में रेलवे का फोकस चुनिंदा मालगाड़ियों की रफ्तार 80% तक बढ़ाने की है। प्रधानमंत्री मोदी के सामने कुछ दिन पहले ही रेलवे मंत्रालय ने इससे संबंधित प्रेजेंटेशन भी पेश किया है।
शनिवार को पेश किए गए प्रेजेंटेशन में इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कुछ ग्रुप्स ने पीएम और मंत्रियों के काउंसिल के सामने योजना का खाका पेश किया। योजना में अगले पांच सालों में रेलवे की स्थिति सुधारने के लिए योजना बताई गई। सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मालगाड़ियों की रफ्तार को 2024 तक 45 किमी. प्रति घंटा रखने की योजना है। मालगाड़ियों की स्पीड बढ़ाने की प्रस्तावित योजना में 2020-21 तक 30 किमी. की रफ्तार तक पहुंचाना है। 2022-23 तक इसे बढ़ाकर 39 किमी. और 2024 तक इस रफ्तार को बढ़ाकर 45 किमी. तक करने की योजना है।
राजधानी ट्रेन नहीं पैसेंजर ट्रेनों पर फोकस
पैसेंजर ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने को लेकर भी मालगाड़ी वाले फॉर्म्युले पर ही काम चलेगा। पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार को सिर्फ राजधानी तक सीमित नहीं किया जाएगा। राजधानी की रफ्तार के बारे में पहले ही चर्चा की जा चुकी है और नई योजना में 12 घंटे में राजधानी से दिल्ली से मुंबई की यात्रा प्रस्तावित है।