भारत में कोरोना (Corona) वायरस (Virus) छिपाने के आरोप में एक व्यक्ति पर एफ़आईआर (FIR) दर्ज की गई है। जिस पर एफ़आईआर (FIR) दर्ज की गई है उनकी बेटी अपने पति के साथ विदेश गई थीं। पूरा मामला उत्तर प्रदेश के आगरा का है। भारत वापस लौटने पर महिला के पति को कोरोना (Corona) की जांच के लिए बेंगलुरु (Bengaluru) एयरपोर्ट (airport) पर रोका गया था। जांच में वो कोरोना (Corona) से संक्रमित पाए गए।
लेकिन उनकी पत्नी बिना किसी को जानकारी दिए हवाई जहाज़ के ज़रिए चुपचाप दिल्ली (Delhi) आ गईं और दिल्ली (Delhi) से ट्रेन के ज़रिए नौ मार्च को आगरा (Agra) पहुंचीं।
क्या है धारा 269 और 270
कमलेश सिंह कहते हैं, “ये जीवन के साथ खिलवाड़ है। अगर संक्रमण से प्रभावित हर व्यक्ति ऐसा करेगा तो इससे पूरा देश बर्बाद हो सकता है। फिर हवाई अड्डे पर मौजूद लोगों के संपर्क में आई होंगी, उसके बाद प्लेन में। फिर ट्रेन में लोगों को प्रभावित किया होगा। उसके बाद वो अपने घर चली आईं। इस तरह कई लोग उनके संपर्क में आए।”
आईपीसी की धारा 269 तब लगती है जब कोई लापरवाही का ऐसा काम करे, जिससे जीवन को ख़तरे में डालने वाली बीमारी का इंफेक्शन फैल सकता हो। इसके तहत छह महीने तक की सज़ा हो सकती है या जुर्माना लग सकता है, या दोनों से, दंडित किया जा सकता है।
आईपीसी की धारा 270 तब लगती है जब कोई ऐसा घातक काम करे जिससे जीवन को ख़तरे में डालने वाली बीमारी का इंफेक्शन फैल सकता हो। इसके तहत दो साल की सज़ा और जुर्माना या दोनों हो सकता है।