नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र (Narendra) मोदी (Modi) ने कृषि अवसंरचना कोष के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा की शुरुआत की है. ये कोष कृषि-उद्यमियों, स्टार्टअप्स, कृषि क्षेत्र की प्रौद्योगिकी कंपनियों और कटाई बाद फसल प्रबंधन में किसान समूहों की मदद के लिए बनाया गया है.
साथ ही मोदी (Modi) ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत 8.55 करोड़ से अधिक किसानों को 17,100 करोड़ रुपये की छठी किस्त जारी की.
Rs 17,000 crores of PM-Kisan Samman Nidhi have been deposited into bank accounts of 8.5 crore farmers with a single click. No middlemen or commission, it went straight to farmers. I am satisfied because the objective of the scheme is being fulfilled: Prime Minister Narendra Modi https://t.co/jFwTxAAi0S pic.twitter.com/s0depFZ24i
— ANI (@ANI) August 9, 2020
“एक देश, एक मंडी का मिशन अब पूरा हो रहा”
इस मौके पर पीएम (PM) मोदी (Modi) ने कहा, “एक देश, एक मंडी के जिस मिशन को लेकर बीते 7 साल से काम चल रहा था, वो अब पूरा हो रहा है. पहले e-NAM के जरिए, टेक्नॉलॉजी आधारित एक बड़ी व्यवस्था बनाई गई.
अब कानून बनाकर किसान को मंडी के दायरे से और मंडी टैक्स के दायरे से मुक्त कर दिया गया. अब किसान के पास अनेक विकल्प हैं.”
ये जितने भी कदम उठाए जा रहे हैं, इनसे 21वीं सदी में देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर भी बदलेगी, कृषि से आय में भी कई गुणा वृद्धि होगी।
हाल में लिए गए हर निर्णय आने वाले समय में गांव के नज़दीक ही व्यापक रोज़गार तैयार करने वाले हैं: PM @narendramodi #AatmaNirbharKrishi
— PMO India (@PMOIndia) August 9, 2020
हर जिले के उत्पादों को दुनिया तक पहुंचाने की योजना
पीएम (PM) मोदी (Modi) ने कहा, ‘आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से कृषि आधारित उद्योग लगाने में बहुत मदद मिलेगी. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हर जिले में मशहूर उत्पादों को देश और दुनिया के मार्केट तक पहुंचाने के लिए एक बड़ी योजना बनाई गई है.’
प्रधानमंत्री ने किसानों की तारीफ करते हुए कहा, ‘ये हमारे किसान ही हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान देश को खाने-पीने के जरूरी सामान की समस्या नहीं होने दी. देश जब लॉकडाउन में था, तब हमारा किसान खेतों में फसल की कटाई कर रहा था और बुआई के नए रिकॉर्ड बना रहा था.
सरकार ने भी सुनिश्चित किया कि किसान की उपज की रिकॉर्ड खरीद हो. जिससे पिछली बार की तुलना में करीब 27 हज़ार करोड़ रुपए ज्यादाो किसानों की जेब में पहुंचा है.