बीते दिनों गलवान घाटी में चीन (china) और भारत (India) के बीच हिंसक झड़प के बाद आर्थिक मोर्चे पर तनाव बढ़ गया है. भारत (India) सरकार (Goverment) ने एक के बाद एक कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे चीन (china) को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है.
भारत (India) सरकार (Goverment) ने 59 चाइनीज ऐप को देश में बैन लगाया तो वहीं कई कॉन्ट्रैक्ट भी रद्द किए गए. अब सरकार एक ऐसा नियम लागू करने जा रही है, जिससे चीन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है.
दरअसल, सरकार इस सप्ताह के अंत तक इलेक्ट्रॉनिक खुदरा विक्रेताओं के लिए नयी नियमावली लागू करने वाली है. इसके तहत विक्रेताओं को अपने उत्पाद पर उत्पादन/विनिर्माण के देश सहित कई विवरण देना अनिवार्य होगा.
आसान भाषा में समझें तो विक्रेता को अपने उत्पाद पर ये बताना होगा कि सामान किस देश में बना है या किस देश का है. इससे ग्राहकों को ये समझने में आसानी हो जाएगी कि वह भारत (India) में बने सामान का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर दूसरे देशों के प्रोडक्ट को यूज करते हैं.
इस नियम के लागू होने के बाद चीन का भारत (India) में कारोबार प्रभावित हो सकता है. आपको बता दें कि भारत में चीन के प्रोडक्ट के बहिष्कार की मुहिम चरम पर है.
और क्या है नए नियम में
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के मुताबिक उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमावली, 2020′ भारत या विदेश में रजिस्टर्ड सभी इलेक्ट्रॉनिक रिटेलर्स (ई-टेलर्स) पर लागू होगी.
नियमों के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनियों को अन्य शुल्कों के अलग अलग ब्यौरे के साथ बिक्री के लिए दी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की कुल ‘कीमत’ प्रदर्शित करनी होगी. इससे उपभोक्ता खरीद के पहले सोच समझ कर निर्णय ले सकेंगे.