फ्रांसीसी नौसेना के एक शीर्ष कमांडर ने सोमवार को कहा कि भारतीय और फ्रांसीसी नौसेनाएं दक्षिणी हिंद महासागर में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से मछली पकड़ने पर अंकुश लगाने समेत अपने सामरिक हितों की रक्षा करने के लिए वहां संयुक्त गश्त शुरू करेंगी। हिंद महासागर में तैनात फ्रांसीसी सैन्यबल के संयुक्त कमांडर वाइस एडमिरल डिडियर मालेटेरे ने यह भी कहा कि दोनों नौसेनाएं इस क्षेत्र में संचालन में बेहतर तालमेल के वास्ते गोपनीय सूचनाएं साझा करने के लिए अगले साल के प्रारंभ में एक करार पर दस्तखत करेंगी फ्रांसीसी कमांडर ने मीडिया के साथ बातचीत में इस क्षेत्र में चीन द्वारा अपना समुद्री प्रभाव फैलाने को लेकर चिंता प्रकट की। चीन ने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह, पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह में सामरिक अड्डे तथा होर्न ऑफ अफ्रीका के जिबूती में सैन्य इकाई स्थापित की है। फ्रांसीसी कमांडर ने कहा, ” हम अब दक्षिण हिंद महासागर में संयुक्त गश्त की तैयारी कर रहे हैं। भारत की पी8आई समुद्री निगरानी विमान को तैनात करने की योजना है। गोपनीय सूचनाएं साझा करने पर केंद्रित प्रस्तावित भारत फ्रांस संधि के बारे में फ्रांसीसी कमांडर ने कहा कि फ्रांस द्वारा किसी गैर नाटो देश के साथ ऐसा करार करना एक बिरला अवसर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटीव के पीछे चीन का बड़ा सामरिक उद्देश्य है, इससे पता चलता है कि वह इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से इस क्षेत्र में अपने आक्रामक रूख को आवरण देने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, ” चीन की अपना अड्डा बनाने की योजना है जैसा कि आप जानते हैं कि श्रीलंका के हंबनटोटा, पाकिस्तान तथा जिबूती में है। हिंद महासागर में चीन की मौजूदगी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चीन समुद्री लूटपाट पर अंकुश लगाने के लिए विध्वसंक, परमाणु पनडुब्बियां और पारंपरिक पनडुब्बियां तैनात कर रहा है। उन्होंने कहा, ” लेकिन पनडुब्बियां समुद्री लूटपाट से लड़ने के लिए बेहतर औजार नहीं हैं। इसलिए इसके पीछे अलग महत्वाकांक्षा है और हमें वह पता है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संयुक्त गश्त में भारत अपने पी8आई समुद्री निगरानी विमान को तैनात करेगा ।