नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना को अपनी खुद की पहली सैटेलाइट मिलने जा रही है।जीसैट-7सी नाम की इस सैटेलाइट की कीमत करीब 2236 करोड़ है और ये पूरी तरह से भारत में ही तैयार करने के बाद भारत से ही लॉन्च किया जाएगा।इसपे खुद रक्षा मंत्रालय ने देश की पहली मिलिट्री-सैटेलाइट को खरीदने की अहम मंजूरी दी है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में रक्षा अधिग्रहण (खरीद) परिषद की अहम बैठक हुई।बैठक में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के आधुनिकिकरण और ऑपरेशन्ल जरूरतों के लिए मेक इन इंडिया के तहत 2236 करोड़ रूपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
आपको बता दें कि हाल ही में वायुसेना प्रमुख, वी आर चौधरी ने कहा था कि भारत की जियो-स्ट्रेटेजिक सैटेलाइट भी सेनाओं की सभी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही हैं।उस वक्त वे सह-वायुसेना प्रमुख (वाइस चीफ) के पद पर थे।
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा थ कि भारत में पूरा स्पेस इको-सिस्टम ‘सिविल’ प्रणाली का है।इसमें मिलिट्री-भागीदारी की कमी है।ऐसे में देश में सशस्त्र सेनाओं के लिए नेक्सट-जेनरेशन स्पेस टेक्नोलॉजी का अभाव है।लेकिन, जीसैट-7सी अब देश को पहली मिलिट्री-सैटेलाइट मिलने का रास्ता खुल गया है।
इस प्रस्ताव में जीसैट-7सी सैटेलाइट और ग्राउंड-हब शामिल है।इस सैटेलाइट और ग्राउंड हब का इस्तेमाल सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (एसडीआर) के रियल टाइम कनेक्टेविटी के लिए किया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, जीसैट-7सी सैटेलाइट से सशस्त्र सेनाओं की ‘लाइन ऑफ साइट’ से परे कम्युनिकेशन काफी सुरक्षित और मजबूत हो जाएगी।