नई दिल्ली: कोरोना (Corona) को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। अस्पतालों के बाहर इलाज के लिए भटक रहे मरीजों के अलावा बड़ी संख्या में कोरोना (Corona) के ऐसे भी शिकार हैं जो घरों में बंद हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसे ही कोरोना के हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं।
-होम आइसोलेशन में रहने पर 10 दिन बाद अगर लगातार 3 दिन तक लक्षण ना दिखे तो दोबारा टेस्ट की जरूरत नहीं है।
-घर पर रहने वाले मरीज रेमडेसिविर इंजेक्शन न लगाएं, अस्पताल में ही लगाएं।
-मामूली लक्षण में मरीजों को स्टेरॉयड नहीं दिया जाए।
-60+ उम्र के कोरोना पॉजिटिव अगर हाइपरटेंशन, डाइबिटीज, दिल, फेफड़े या गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं तो डॉक्टर से पूछकर ही आइसोलेशन में रहें।
-घर पर रहने वाले मरीज दिन में दो बार भाप लें और गर्म पानी से गरारा करें।
साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने खास हिदायत दी है कि घर पर रहने वाले कोरोना संक्रमितों का ऑक्सीजन लेवल 94 से ऊपर रहना चाहिए.
कोरोना के हल्के लक्षण का रामबाण है आयुष 64
आयुष 64 आयुर्वेदिक दवा है और आयुष मंत्रालय ने कहा है कि ये हल्के और मध्यम कोरोना के इलाज के लिए कारगर साबित हुई है। आयुष 64 को 1980 में मलेरिया के इलाज के लिए विकसित किया गया था।
रिसर्च में पाया गया कि आयुष 64 का सामान्य स्वास्थ्य, थकान, तनाब, भूख, और नींद पर प्रभावकारी असर पड़ा है। रिसर्च में सामने आया कि आयुष 64 लेने वाले मरीजों को अस्पताल में कम दिन रहना पड़ा।