कोरोना के बाद अब H3N2 वायरस का कहर

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नई दिल्ली: कर्नाटक में H3N2 इंफ्लूएंजा वायरस से हुई पहली मौत का मामला सामने आया है। हासन जिले के आलूर के रहने वाले 82 साल के हीरे गौडा की एक मार्च को मौत हो गई। सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें 24 फरवरी को अस्पताल में दाखिल किया गया और शंका के चलते आइसोलेशन में रखा गया था। उनके स्वैब सैंपल को टेस्ट के लिए सेंट्रल लेबोरेट्री भेजा गया था जहां 6 मार्च को इस बात की पुष्टि हो गई कि उनकी मृत्यु H3N2 वायरस की वजह से हुई है। यह वायरस राज्य के कई जिलों में फैला हुआ है और लोगों को संक्रमित कर रहा है।

H3N2 पर ICMR ने क्या कहा था

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक्सपर्ट्स ने कहा है कि भारत में पिछले 2-3 महीने से लगातार खांसी और किसी-किसी मामले में बुखार के साथ खांसी होने का कारण ‘इन्फ्लुएंजा ए’ का सब-वेरिएंट ‘H3N2’ है। ICMR के वैज्ञानिकों ने कहा कि पिछले 2-3 महीने से व्यापक रूप से व्याप्त H3N2 अन्य सब-वेरिएंट्स की तुलना में रोगी के अस्पताल में भर्ती होने का बड़ा कारण है। ICMR ‘वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज नेटवर्क’ के माध्यम से सांस से जुड़े वायरस के कारण होने वाली बीमारियों पर कड़ी नजर रखे हुए है।

3 हफ्ते तक रह सकती है खांसी

ICMR ने वायरस से लोगों को बचाने के लिए एक लिस्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। दूसरी ओर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देश भर में खांसी, जुकाम और जी मिचलाने के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग को लेकर आगाह किया है। IMA ने कहा कि मौसमी बुखार 5 से 7 दिनों तक रहेगा। IMA की एक स्थायी समिति ने कहा कि बुखार 3 दिन में खत्म हो जाएगा, लेकिन खांसी 3 हफ्ते तक बरकरार रह सकती है।

कर्नाटक में आए 50 से ज्यादा केस

कर्नाटक में अभी तक H3N2 Influenza Virus के 50 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। हालिया मामलों को देखते हुए सरकार 60 साल से ऊपर की उम्र के लोगों और गंभीर रूप से पीड़ित लोगों पर खास ध्यान दे रही है। बताया जा रहा है कि H3N2 वायरस से पीड़ित बुजुर्ग की मौत एक मार्च को ही हो गई थी। बुजुर्ग की मौत के बाद उनके गांव के आसपास के इलाकों में भी लोगों की जांच की गई है।

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