इससे पहले हिज्बुल का चेहरा रहा नाइकू अपने सहयोगी आदिल अहमद के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस और 21 राष्ट्रीय राइफल्स के सैनिकों के संयुक्त ऑपरेशन में मारा गया था। नाइकू अपने गांव में एक गुप्त बंकर में छिपा था। सैफुल्लाह मीर को मुसाहिब और ‘डॉक्टर सैफ’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वह पुलिस मुठभेड़ों में घायल हुए आतंकवादियों का इलाज कर चुका है। मीर दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के मलंगपोरा से 12वीं पास है, हालांकि रियाज नाइकू ग्रेजुएट था। सैफुल्लाह मीर ने स्कूल के बाद व्यावसायिक प्रशिक्षण का विकल्प चुना।
उसने पुलवामा में सरकार द्वारा संचालित आईटीआई में बायो मेडिकल कोर्स किया और इसके बाद एक तकनीशियन के रूप में श्रीनगर के राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में नौकरी पा ली। मीर ने तीन साल तक नौकरी की और फिर आतंक की राह पर चल पड़ा।
सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि सैफुल्लाह को ’ए श्रेणी’ के आतंकवादी के रूप में वर्गीकृत किया गया था और वह ज्यादातर पुलवामा, कुलगाम और शोपियां के दक्षिण कश्मीर जिलों में सक्रिय था। उन्होंने यह भी कहा कि मीर रियाज नाइकू के नेटवर्क से पूरी तरह परिचित है और ऑर्चर्ड मालिकों से धन जुटाने और दक्षिण कश्मीर में अफीम की अवैध खेती से धन प्राप्त करने के लिए गतिविधियां करता है।