Fight against Corona: देश के लोगों को पहले मिले जीवन रक्षक, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर राहुल गांधी का बड़ा बयान

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Fight against Corona: कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत को दूसरे देशों की मदद करनी चाहिए, लेकिन जीवनरक्षक दवाएं पहले भारतीयों को मिलनी चाहिए। राहुल गांधी की यह प्रतिक्रिया भारत सरकार की ओर से मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात से प्रतिबंध हटाने के बाद आई है। राहुल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को भारत का अपमान बताया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत यदि दवा नहीं देगा तो अमेरिका बदला लेगा।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘मित्रों में प्रतिशोध की भावना? जरूरत की इस घड़ी में भारत को दूसरे देशों की मदद जरूर करनी चाहिए, लेकिन जीवनरक्षक दवाएं पहले भारतीयों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए।’

क्या है भारत सरकार का फैसला
भारत ने मंगलवार को प्रत्येक मामले के हिसाब से पड़ोसी देशों समेत अन्य को मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन निर्यात करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद करने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप यह फैसला किया गया है। ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया के इलाज में प्रयुक्त होने वाली पुरानी और सस्ती दवा है। पिछले महीने, भारत ने हाइड्रोक्सीलक्लोरोक्वीन के निर्यात पर रोक लगा दी थी जब ऐसी खबरें आईं कि कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।

ट्रंप की धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आगाह किया है कि उनके व्यक्तिगत अनुरोध के बावजूद अगर भारत हाइड्रोक्सीलक्लोरोक्वीन का निर्यात नहीं करता है तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें हैरानी होगी अगर भारत नहीं मानता है क्योंकि अमेरिका से उसके अच्छे संबंध हैं।

विदेश मंत्रालय क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “भारत का रुख हमेशा से यह रहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुटता और सहयोग दिखाना चाहिए। इसी नजरिए से हमने अन्य देशों के नागरिकों को उनके देश पहुंचाया है।” उन्होंने इस विषय पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ”वैश्विक महामारी के मानवीय पहलुओं के मद्देनजर, यह तय किया गया है कि भारत अपने उन सभी पड़ोसी देशों को पेरासिटामोल और एचसीक्यू (हाइड्रोक्लोरोक्वीन) को उचित मात्रा में उपलब्ध कराएगा जिनकी निर्भरता भारत पर है।”

 

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