नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की ओर से लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। किसान (Farmer) दिल्ली (Delhi) बॉर्डर (Border) पर पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त से इन कानूनों को हटाए जाने के लिए अड़े हुए हैं।
इस बीच प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने कहा है कि वे सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन उसे नया प्रस्ताव लेकर आना चाहिए क्योंकि नए कृषि कानूनों को एक से ढेड़ साल तक के लिए निलंबित रखने का सरकार का मौजूदा प्रस्ताव उन्हें स्वीकार नहीं है।
किसान (Farmer) यूनियनों ने स्पष्ट किया कि वे तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं सिंघू (Singhu) बॉर्डर (Border) पर संयुक्त किसान मोर्चे के वरिष्ठ नेता दर्शनपाल ने कहा कि गेंद अब सरकार के पाले में है।
उन्होंने कहा, ‘हम बातचीत के लिए तैयार हैं। गेंद सरकार के पाले में है। हमने उन्हें स्पष्ट रूप से बताया कि पिछला प्रस्ताव (कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने) हमें स्वीकार्य नहीं है। अब उन्हें नए प्रस्ताव के साथ आना चाहिए।
दो अक्टूबर तक बैठे रहेंगे
वहीं किसान (Farmer) नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी दो अक्टूबर तक दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर बैठे रहेंगे और मांगों पर कोई समझौता नहीं होगा।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता ने कहा कि सरकार के जरिए विवादास्पद कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने वाला कानून बनाने के बाद ही किसान घर लौटेंगे।