बरनाला में 21 फरवरी को किसान और खेत मजदूर होंगे एकजुट

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नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा और पंजाब खेत मजदूर यूनियन 21 फरवरी को बरनाला की अनाज मंडी में एक ‘संयुक्त-किसान-मजदूर एकता रैली’ आयोजित करने की तैयारी कर रहे हैं।

इस रैली में दो लाख से ज्यादा किसानों के जुटने की संभावना है। बता दें कि ये जानकारी बीकेयू एकता उगराहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां और पीकेएमयू के महासचिव लछमन सिंह सेवेवाला ने शनिवार दोपहर को दी थी।

सुखदेव सिंह और लछमन सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान ये भी जानकारी दी कि रैली को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता संबोधित करेंगे और इसके लिए उन्हें निमंत्रण पत्र भेज दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि रैली में किसान और मजदूर की एकजुटता काफी महत्वपूर्ण होगी और केंद्र सरकार की ओर से किसानों के खिलाफ की जा रही सभी साजिशों का पर्दाफाश किया जाएगा।

केएमएससी 21 फरवरी की रैली में नहीं होगी शामिल

वहीं भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा, “हमारी महा रैली का आयोजन हमारे द्वारा किया जा रहा है और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।

चूंकि किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) अब  संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा नहीं है, इसलिए वे 21 फरवरी की रैली का हिस्सा भी नहीं होंगे। ‘कोकरी कलां ने कहा कि रैली दो पहलुओं में अलग होगी।

एक तरफ यह संघर्षरत किसान यूनियनों के बीच एकता को बढ़ाने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी तो वहीं दूसरी ओर यह इस संघर्ष की भयावहता का विस्तार करेगी और संगठित कृषि मजदूरों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए किसानों और मजदूरों के बीच एकता का प्रदर्शन करेगी।

किसानों को खालिस्तानी बताने मुद्दे पर भी होगी बात

वहीं पीकेएमयू के महासचिव लछमन सिंह सेवेवाला ने कहा, “हम किसानों को खालिस्तानियों के रूप में चिह्नित किए जाने के मुद्दों को भी उठाएंगे.इससे हमें सबसे ज्यादा दुख होता है। ” बीकेयू (BKU) उगराहन के वरिष्ठ राज्य उपाध्यक्ष झंडासिंह जेठुके ने कहा कि, यह एक गैर-धार्मिक और गैर-पार्टी संघर्ष है।

हमारा ध्यान कानूनों को निरस्त करने पर है और हम यह भी बताएंगे कि सरकार किस तरह से संशोधनों की प्रस्तुतियां कर रही है। पीकेएमयू के प्रदेश अध्यक्ष जोरा सिंह नसराली ने कहा कि दोनों संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आंदोलन में इस रैली को पंजाब की ताकत दिखाने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं।

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