नई दिल्ली: उत्तराखंड (Uttrakhand) आपदा का असर अब दिल्ली (Delhi) में दिखने लगा है। आपदा के बाद गंगा से दिल्ली (Delhi) जल बोर्ड को मिलने वाले पानी में गंदगी बढ़ी है। जिससे राजधानी के दो बड़े जल शोधन संयंत्र सोनिया विहार व भागीरथी विहार अपनी क्षमता से कम पर काम करें रहें हैं।
इससे आने वाले दिनों में पानी कि किल्लत हो सकती है। हालांकि दिल्ली (Delhi) जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा का दावा है कि विभाग ने पानी के टैंकरों की व्यवस्था की है। जिससे पानी की कमी नहीं होने की दी जाएगी।
उपाध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा कि उत्तराखंड में आपदा के चलते गंग नहर मलबा, गाद, कीचड़, लकड़ी की राख और पौधों के टुकड़े आदि की मात्रा बढ़ गई है। जिसके चलते दिल्ली जल शोधन संयंत्रों में पानी साफ करने में दिक्कत हो रही है।
उन्होंने रविवार को कई ट्वीट कर कहा कि गंदगी को नेफेलोमेट्रिक टर्बिडिटी यूनिट में आंका जाता है। वर्तमान में यह 8 हजार तक पहुंच गई है। उन्होंने लोगों से पानी ध्यान से इस्तेमाल करने की अपील भी की और कहा कि उचित संख्या में पानी के टैंकरों को लगाया जा रहा है।
बता दें कि बीते 7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूट गया था। इसमें अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 166 लोग लापता चल रहे हैं। जिले के रैनी गांव में ऋषिगंगा नदी में ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर गिर गया था।
जिसके चलते नदी में अचानक बाढ़ आ गई थी। वहीं, तपोवन-विष्णुगण हाइडल प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है। प्रोजेक्ट की टनल में 30 से ज्यादा मजदूरों के फंसे होने की संभावना है. जिन्हें ढूंढने की कोशिश अभी तक चल रही है।