लाल किले पर तैनात घायल महिला कॉन्स्टेबल बोलीं- डरावने थे वो पल

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नई दिल्ली: गणतंत्र (Republic) दिवस (Day) पर राजधानी दिल्ली (Delhi) में किसानों की ट्रैक्टर (Tractor) परेड (Parade) के दौरान जमकर हिंसा हुई। सोशल मीडिया पर इस हिंसा से जुड़ी कई दर्दनाक तस्वीरें भी सामने आई थीं।

जिसमें हमलावरों ने पुलिस (Police) को अपना निशाना बनाया था। ऐसी ही पुलिसकर्मी रितु भी हैं, जो हिंसा के वक्त लाल किले पर तैनात थीं। उन्होंने कहा कि माहौल काफी डरावना था। इस हिंसा के बाद सरकार और दिल्ली (Delhi) पुलिस (Police) भी हरकत में आ गई है। नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों के 37 नेताओं समेत कई लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

डरावना था माहौल

अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कॉन्स्टेबल रितु ने भी कल की हिंसा के बारे में बात की।

उन्होंने बताया, ‘जब तलवारों, पत्थरों, लाठियों और भालों के साथ किसानों की भारी भीड़ पहुंची, तब मैं लाल किले पर कल ड्यूटी पर थी।’ उन्होंने बताया, ‘जैसे ही भीड़ ने हमारी तरफ बढ़ना शुरू किया, तो एक ग्रिल मेरे पैर पर गिरी और एक मेरी साथी की पसलियों पर। हम हिल भी नहीं पा रहे थे.’ कॉन्स्टेबल ने कहा कि वो काफी डरावना था।

कमजोर पड़ रहा है आंदोलन!

इधर हिंसा की खबरों के बाद किसान संगठनों के बीच भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के वीएम सिंह आंदोलन से पीछे हट गए हैं। बुधवार को उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसे किसी के साथ प्रदर्शन को आगे नहीं ले जा सकता, जिनकी दिशा अलग हो।

मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन वीएम सिंह और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन प्रदर्शन से अपना नाम वापस ले रहे हैं। किसान 2 महीनों से ज्यादा समय से दिल्ली की सरहदों पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

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