80 लाख की सनसनीखेज लूट: 22 CCTV कैमरों से पता चलेगा सच,

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द्वारका इलाके में गुरुवार (21 नवंबर) दिनदहाड़े कैशवैन के ड्राइवर और गनमैन को चाकू की नोंक पर अगवा कर करीब 80 लाख रुपये लूटकर फरार होने की घटना से सनसनी फैल गई है। नारायणा से कैशवैन में रकम लेकर हरि नगर होते हुए द्वारका सेक्टर-6 तक पहुंचने वाली इस कैशवैन के करीब 16 किलोमीटर के दायरे वाले रूट का मैप तैयार कर पुलिस वहां लगे 22 सीसीटीवी खंगाल रही है। इस पूरे रूट पर अनुमान के मुताबिक 22 ऐसे सीसीटीवी हैं, जिसके जरिये उधर से गुजरने वाले वाहनों व लोगों की रिकॉडिंग देखी जा सकती है। इसके लिए पुलिस इन सीसीटीवी के फुटेज को कब्जे में लेने में जुटी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिरकार इस कैशवैन के साथ कुछ संदिग्ध तो नहीं थे, जिन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया। या फिर ऐसे तो कोई नहीं थे, जिनसे कैशवैन कर्मियों का रास्ते में किसी तरह का कोई संवाद हुआ हो। जानकारी के मुताबिक एसआईपीएल कंपनी के चार कर्मी कैशवैन में रकम लेकर नारायणा इलाके से एटीएम में जमा कराने के लिए निकले थे। इसमें दो कैशियर विकास व नरेंद्र, एक गनमैन विजयकांत मिश्रा और ड्राइवर धीरज सवार थे। ये नारायणा से हरि नगर होते हुए द्वारका सेक्टर- 6 स्थित मनिपाल अस्पताल के पास पहुंचे। इसके पहले इन्होंने चार एटीएम में रकम जमा कर दी थी। यह पांचवा एटीएम था। कैशवैन को एटीएम के दूसरी तरफ सड़क पर खड़ा कर दिया गया, जबकि दोनों कैशियर रकम लेकर एटीएम में जमा करने के लिए अंदर चले गए। रकम जमा करने के बाद जब दोनों बाहर निकले तो उनकी कैशवैन और दोनों साथी वहां से गायब मिले। इसके बाद इन्होंने घटना की जानकारी तत्काल कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों व पुलिस को दी। पुलिस टीमें जांच में जुट गईं। इस बीच दोनों कर्मी और कैशवैन सेक्टर-11 में मिल गए। दोनो ने पुलिस को बताया कि चाकू की नोंक पर उन्हें दो लोगों को अगवा किया। इसके बाद उनसे ही गाड़ी चलवाई और यहां लाकर इनके साथ मारपीट कर कैशवैन से नगदी लेकर फरार हो गए। पुलिस ने दोनों के बयान पर मामला दर्ज लिया।

गनमैन को चाकू के बल पर कैसे लूटे: गनमैन हथियार से लैस था और ड्राइवर भी उसके साथ था। ऐसे में सिर्फ दो लुटेरे चाकू की नोंक पर कैसे उन्हें अगवा कर ले गए, इसे लेकर पूछताछ की जा रही है। हालांकि जांच में जुटी पुलिस ने इनके बयान पर मामला दर्ज कर जांच तो आरंभ कर दी है लेकिन इनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है। दरअसल मनिपाल अस्पताल के परिसर में के भीतर यस बैंक का यह एटीएम है। लेकिन कर्मियों ने परिसर में कैशवैन ले जाने की बजाए, इसे बाहर ही सड़क के दूसरी ओर खड़ा कर दिया था। इस कारण भी इन दोनों पर शक गहरा गया है।

और क्या कर रही है पुलिस
सीसीटीवी के अलावा पुलिस जांच के लिए इलाके में वारदात के एक घंटे पहले और एक घंटे बाद एक्टिव रहने वाले नंबरों की जांच की जा रही है। इसमें उस वक्त कौन-कौन से नंबर एक्टिव थे? किस-किस नंबर पर बाहरी लोगों से या फिर आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों के संपर्क सूत्र पर बात हो रही थी, इसकी जानकारी हासिल करने के लिए डंप डाटा व सीडीआर को पुलिस अपनी जांच एक महत्वपूर्ण हिस्सा मान रही है। इसके आधार पर पुलिस अपनी तफ्तीश आगे बढ़ा भी रही है।

17 फोन जांच के दायरे में
अबतक की जांच में पुलिस के हाथ लगे सुराग के आधार पर पुलिस ने इन चारों कर्मियों सहित कुल 17 नंबरों की बारीकी से जांच कर रही है। दरअसल पुलिस को शक है कि वारदात को अंजाम देने वालों का इन 17 नंबरों से कोई न कोई संबंध जरूर है। हालांकि इन 17 नंबरों को क्यों जांच के दायरे में रखा गया है, फिलहाल इस बारे में पुलिस कोई भी बयान नहीं दे रही है।

16 टीम में 52 पुलिसकर्मी
80 लाख रुपये की लूट के इस मामले की जांच में पुलिस की 16 टीमों को लगाया गया है, जिसमें कुल 52 पुलिसकर्मी शामिल हैं। इसमें चार एसीपी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं, जो इन टीमों का नेतृत्व कर रहे हैं। वहीं पूरी जांच की मॉनिटरिंग खुद जिले के डीसीपी एंटो अल्फोंस कर रहे हैं। हर टीम को अलग जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

शक के पांच कारण
1. हथियार से लैस होने के बाद भी गनमैन ने चाकू के साथ आए बदमाशों से क्यों मुकाबला नहीं किया।
2. इन्होंने कैशवैन को परिसर में खड़ा करने की बजाए, क्यों सड़क पर बाहर खड़ा किया।
3. इन्हें यह क्यों नहीं पता कि दोनों लुटेरे कैसे आए, पैदल, बाइक या फिर किसी वाहन से।
4. दोनों लुटेरे रकम लेकर कैसे वहां से भागे, पैदल या फिर किसी वाहन से।
5. इनके बयानों में घटनाक्रम को लेकर कुछ विरोधाभासी बयान क्यों हैं।

भीड़भाड़ वाले इलाके में कैसे की वारदात
जिस जगह पर लूटपाट की यह वारदात हुई, वह भीड़भाड़ वाला इलाका है। अस्पताल व एटीएम होने के कारण अक्सर यहां लोगों का आना-जाना होता रहता है। उपर से दिन का समय होने के कारण यह लोगों की भीड़ काफी रहती है।

घटनास्थल के आसपास कई मुख्य प्रतिष्ठान
एमटीएनएल का कार्यालय, कुछ प्राइवेट बैंक और इलाके का मुख्य बाजार हैं। तरह के प्रमुख इलाके में भीड़ के बीच कैशवैन के गनमैन और ड्राइवर को अगवा करना अपने आप में एक बड़ी बात है। इतना ही नहीं इससे यह भी साफ है कि बदमाशों के बीच सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का कोई खौफ नहीं है।

जहां कैशवैन मिली, वहां से करीब है मेट्रो स्टेशन
वहीं जिस जगह कैशवैन मिली है, वहां से नजदीक में मेट्रो स्टेशन है और बस अड़्डा भी है। वहां काफी भीड़भाड़ रहती है। ऐसे में बदमाशों का आसानी से रकम लेकर निकलना सवाल खड़े करता है।

 

 

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