नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों पर समाधान तलाशने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किसान यूनियनों के साथ निर्धारित 10वें दौर की वार्ता को 20 जनवरी तक के लिए टाले जाने पर सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने कहा कि कानून रद्द होने तक वे यहीं जमे रहेंगे और एक दिन की देरी से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है।
गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि एक दिन के लिए बैठक स्थगित होने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि किसान तीन कानूनों को रद्द करने तक दिल्ली (Delhi) सीमाओं को नहीं छोड़ेंगे।
कृषि कानूनों पर आज होने वाली सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (Court) की कमेटी की बैठक के बारे में पूछे जाने पर टिकैत ने कहा कि किसान सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (Court) में नहीं गए हैं और उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है।
We don’t know, we’re not going (to first meeting of SC-formed committee). Nobody from the agitation approached Court. Govt brought Bill through Ordinance, it was tabled in the House. It’ll go back the same route it came from: Rakesh Tikait, spox, Bharatiya Kisan Union#FarmLaws pic.twitter.com/EW0sqf7GWF
— ANI (@ANI) January 19, 2021
टिकैत ने कहा कि कमेटी की पहली बैठक के बारे में हम कुछ नहीं जानते, हम बैठक में नहीं जा रहे हैं। आंदोलन से कोई भी अदालत में नहीं आया। सरकार अध्यादेश के माध्यम से इन कानूनों को लाई और बाद में उन्हें सदन में पेश किया गया। इन कानूनों को ऐसे ही रद्द किया जाना चाहिए, जिस रास्ते से वे आए थे।
वहीं, सिंघु (Singhu) बॉर्डर (Border) पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने भी टिकैत की बात का समर्थन करते हुए कहा कि जब तक कानून रद्द नहीं किए जाते, तब तक वे दिल्ली की सीमाओं को नहीं छोड़ेंगे।
पंजाब के पटियाला जिले के एक किसान गुरदयाल सिंह ने कहा कि वह लगभग दो महीने से सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और कानून वापस होने के बाद ही वापस जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारे लिए जो मिठाई (कानून) तैयार की है, हम उसे खाना नहीं चाहते हैं, फिर वे इसे खाने के लिए क्यों मजबूर कर रहे हैं। हम केवल कानूनों को रद्द करवाकर ही वापस जाएंगे।
कृषि मंत्रालय ने आज बताया कि केंद्र सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों के साथ निर्धारित 10वें दौर की वार्ता को 20 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है। यह बैठक पहले मंगलवार के लिए निर्धारित थी और अब यह बुधवार को विज्ञान भवन में दोपहर 2 बजे होगी।
गौरतलब है कि 15 जनवरी को केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच हुई नौवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगाते हुए एक कमेटी गठित कर इसका हल तलाशने के लिए कहा था।
सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (Court) ने कमेटी को निर्देश दिया है कि वह किसानों के साथ बातचीत करे और अपनी पहली बैठक की तारीख से दो महीने के भीतर कृषि कानूनों से संबंधित अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करे। हालांकि, किसान यूनियनों के नेताओं ने कमेटी के सामने पेश होने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनके सदस्य पहले से ही कृषि कानूनों के पक्ष में थे।