हिन्दू शरणार्थियों को दिलवाई नि:स्वार्थ कदम ने संक्रामिक बीमारी से निजात

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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून 2020 आने बाद भारत में शरण पाने वाले पाकिस्तानी हिन्दू शरणाथियों में खुशी की लहर है। दिल्ली स्थित मजनू का टीला के निकट बसे ऐसे ही कुछ परिवार हैं जिनसे मिलने का मौका इंडिआस 18 की टीम को मिला। यहाँ शरणाथियों के शिविर में मुफ्त दवाइयों का वितरण किया जा रहा था। जिसका आयोजन निस्वार्थ कदम नाम की एक गैर सरकारी संस्था ने किया था। जबकि यह संस्था इन शरणार्थियों के लिए पहले भी शिविर लगा चुकी है पर इस शिविर को काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा था।   

वहाँ मौजूद डॉक्टर अंशुमन कुमार ने हमे सारी स्थिति से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि “यहाँ के लोग एक विचित्र प्रकार की त्वचा सम्बन्धी समस्या से ग्रस्त हैं जिसे अंग्रेजी में स्कैबीस (Scabies) कहा जाता हैं और जैसे ही इसका पता निस्वार्थ कदम को चला वह मुझे यहाँ लेकर आए और वास्तविक घटना से अवगत करवाया। उन्होंने बताया की स्थिति गंभीर भी हो सकती है यदि इसे यहीं रोका ना गया क्योंकि स्कैबीज़ एक संक्रामिक बीमारी है जो बच्चों सहित यहाँ सभी को हो रही है। असक्षम व असाक्षर होने के कारण यह लोग इसका इलाज नहीं करवा पाते हैं।” 

निस्वार्थ कदम ने जहाँ मुफ्त दवाईयों का वितरण किया वही उसके साथ उन्होंने इन लोगों में स्वच्छता से संबंधित जागरुकता पैदा करने की भी कोशिश की। जानकारी है की यह संस्था यहाँ ऐसे ही और शिविर भी लगाने का इरादा रखती है। इनका मानना है की इन लोगो की बुनियादी ज़रुरतें पूरी हो सके यही हमारा प्रयास रहेगा। संस्था के अध्यक्ष प्रमोद राघव है जो की अप्रवासी भारतीय है। अप्रवासी होते हुए भी उनकी भारत में दी जाने वाली निस्वार्थ सेवा सराहनीय है  

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