Nirbhaya Case:पवन जल्लाद देगा फांसी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज

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  • दोषियों को सूली पर लटकाने के लिए मेरठ से आएगा पवन जल्लाद
  • पुनर्विचार याचिका में दिल्ली की खराब हवा और पानी का बनाया बहाना 
  • एके सिंह ने वेद पुराण और उपनिषद का हवाला भी दिया है
  • चारों आरोपियों को 16 दिसम्बर के बाद फांसी दिये जाने की संभावना 
  • 2014 को इन गुनहगारों की दोषसिद्धि पर मुहर लगा दी

New Delhi/ Nirbhaya Case: निर्भया कांड के दोषियों में से एक अक्षय कुमार ने फांसी की सजा के खिलाफ अर्जी में अजीब तर्क दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को दायर पुनर्विचार याचिका में उसने कहा है कि जब दिल्ली की खराब हवा और पानी के कारण लोगों की उम्र छोटी होती जा रही है फिर फांसी की सजा की जरूरत क्यों है। अक्षय ने दलील दी है कि एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो चुकी है। यहां का पानी भी जहरीला हो चुका है, जिससे लोगों की जिंदगी घटती जा रही है।

यही नहीं अक्षय की तरफ से दायर पुनर्विचार अर्जी में उसके वकील एके सिंह ने वेद पुराण और उपनिषद में लोगों की हजारों साल तक जीने का हवाला भी दिया है। अर्जी में कहा गया है कि इन धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक सतयुग में लोग हजारों साल तक जीते थे, त्रेता युग में भी एक-एक आदमी हजार साल तक जीता था, लेकिन अब कलियुग में आदमी की उम्र 50-60 साल तक सीमित रह गई है। कम लोग ही 80-90 साल की उम्र तक पहुंच पाते हैं। जब कोई व्यक्ति जीवन की कड़वी सच्चाई और विपरीत हालात से गुजरता है तो वह एक शव से ज्यादा कुछ नहीं होता। अक्षय की 29 माह देरी से दायर याचिका पर कोर्ट सुनवाई करेगा, क्योंकि यह मृत्युदंड का मामला है।

तीन दोषियों की याचिकाएं पहले ही खारिज हो चुकीं

नौ जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मामले में तीन दोषियों विनय, मुकेश और पवन की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। तब अक्षय ने अर्जी दायर नहीं की थी।

अक्षय की अर्जी पर जल्द सुनवाई करेगा कोर्ट

अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट एक दो दिन में निर्णय ले सकता है। हालांकि तारीख तय नहीं है पर इस पर जल्द ही फैसला होगा। नहीं बचेंगे दोषी

दोषियों को मेरठ का पवन जल्लाद देगा फांसी

निर्भया सामूहिक बलात्कार व हत्या मामले में तिहाड़ जेल में बंद चारों आरोपियों को 16 दिसम्बर के बाद फांसी दिये जाने की संभावना जताई जा रही है। दोषियों को सूली पर लटकाने के लिए मेरठ के पवन जल्लाद के पास फोन भी आ गया है। कारागार महानिदेशक आनंद कुमार ने की तिहाड़ का पत्र मिलने की पुष्टि की है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ दो जल्लाद है, लखनऊ के इलियास जल्लाद की है तबियत खराब है।

इधर दिल्ली की मंडोली जेल में रखे गये दिसंबर 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार-हत्याकांड के एक दोषी को तिहाड़ जेल में स्थानांतरित किया गया है। महानिदेशक (जेल) संदीप गोयल ने बताया कि मंडोली जेल में रखे गये पवन कुमार गुप्ता को हाल ही में तिहाड़ जेल स्थानांतरित किया गया।

एक अन्य जेल अधिकारी ने बताया कि गुप्ता तिहाड़ की जेल नंबर 2 में है जहां इस कांड के अन्य दोषियों मुकेश सिंह और अक्षय को भी रखा गया है। चौथा दोषी विनय शर्मा तिहाड़ की जेल नंबर चार में है। निर्भया 23 वर्षीय उस फिजियोथेरेपी इंटर्न का काल्पनिक नाम है जिससे 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिण दिल्ली में चलती बस में चालक समेत छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार किया था और उसपर बर्बर हमला किया गया था, जिसके कारण बाद में उसकी मौत हो गई थी।

इस मामले में एक किशोर समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें बलात्कार एवं हत्या का आरोपी बनाया गया। उनमें से एक आरोपी रामसिंह ने पुलिस हिरासत में आत्महत्या कर ली। बाकी की त्वरित अदालत में सुनवाई हुई। इस मामले में किशोर को दोषी ठहराया गया और उसे सुधार गृह में तीन साल के लिए भेजा गया।

शेष चार बालिग आरोपियों को 10 सितंबर, 2013 को बलात्कार एवं हत्या का दोषी पाया गया और तीन बाद उन्हें मृत्युदंड सुनाया गया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 मार्च, 2014 को इन गुनहगारों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा और उनकी मौत की सजा पर मुहर लगा दी।

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