नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्भया केस में फांसी की सजा पाए दोषियों की डेथ वॉरंट पर रोक वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि दोषी इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह फांसी की सजा में देरी की रणनीति लग रही है। हालांकि हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद भी दोषियों की फांसी 22 जनवरी को होनी मुश्किल लग रही है।
2012 Delhi gangrape case: Delhi High Court refuses to set aside the trial court order which issued death warrant.
Delhi HC asks convict Mukesh’s counsel to approach trial court and apprise the court about the pending mercy plea.— ANI (@ANI) January 15, 2020
दोषी मुकेश ने क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की है। दिल्ली सरकार के वकीलों ने यह भी तर्क दिया कि अगर राष्ट्रपति दया याचिका खारिज भी कर देते हैं उसके बाद भी 14 दिन का वक्त मिलेगा। दोषी पक्ष के वकील ने हाई कोर्ट में कहा कि उनके क्लाइंट ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की है। दया याचिका अगर खारिज भी होती है तो भी फांसी से पहले दोषी शख्स को 14 दिन का वक्त दिया जाता है। इस पर सरकारी वकील ने भी कोई आपत्ति दर्ज नहीं की इस पर दिल्ली सरकार की ओर से पेश हो रहे एएसजी ने भी कहा कि दया याचिका खारिज होने के बाद 14 दिन का वक्त नियमों के अनुसार दिया जाता है।
सिस्टम की देरी पर जज नाराज, दिल्ली पुलिस को फटकार
डेथ वारंट के खिलाफ दोषी मुकेश की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में दोबारा सुनवाई शुरू हुई। दिल्ली सरकार की ओर से एएसजी राहुल मेहरा ने दलीलें रखीं। जस्टिस मनमोहन ने यह भी सवाल उठाया कि जेल अधिकारियों की ओर से दोषियों को पहला नोटिस जारी करने में इतनी देर क्यों हुई? इस दौरान जज ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा- ‘यह साफ है कि कैसे दोषियों की ओर से सिस्टम का दुरूपयोग किया गया (बड़ी चालकी से), ऐसे में तो लोग सिस्टम से भरोसा खो देंगे।’
राष्ट्रपति के पास दया याचिका ही आखिरी उम्मीद
अब राष्ट्रपति के नाम मुकेश ने अपनी दया याचिका लगाने के लिए जेल प्रशासन को पत्र दे दिया है। यहां से बुधवार सुबह यह दया याचिका दिल्ली सरकार के होम डिपार्टमेंट में भेज दी जाएगी। जहां से केंद्रीय गृह मंत्रालय होते हुए इस याचिका को राष्ट्रपति के पास तक पहुंचा दिया जाएगा। इस पर फैसला कब होगा? इसका जवाब तो राष्ट्रपति के पास से ही मिल सकेगा। जेल अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति के पास मर्सी पेटिशन लगाने का इनके पास 21 जनवरी तक का समय है।