नई दिल्ली : दिल्ली की बवाना थाना पुलिस ने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर नकली जीरा बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने करीब 20 हजार किलो नकली जीरा बरामद करने के साथ नकली जीरा फैक्ट्री के मालिक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से नकली जीरा बनाने का करीब 8 हजार किलो सामान भी बरामद किया है।
आरोपियों की हुई पहचान
आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद गांव के रहने वाले हरिनंदन, कामरान उर्फ कम्मू, गंगा प्रसाद, हरीश और पवन के रूप में हुई है। हरिनंदन नकली जीरा बनाने की फैक्ट्री का मालिक और इस गिरोह का सरगना है।
पुलिस को मिली गुप्त सूचना
डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि बवाना थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल प्रवीण को नकली जीरा बनाने वाली फैक्ट्री के बारे के सूचना मिली थी। सूचना देने वाले ने बताया कि नकली फैक्ट्री दिल्ली के बवाना थाना क्षेत्र के पूठ खुर्द इलाके में इसी वर्ष अगस्त से चलाई जा रही है।
फैक्ट्री के लिए किराए पर ली जगह
फैक्ट्री के लिए जगह किराए पर ली गई है। इसके बाद एसीपी बवाना के निर्देशन में बवाना के एसएचओ के नेतृत्व में बनाई गई टीम ने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम के साथ छापा मारा। पुलिस ने इस नकली जीरा फैक्ट्री में करीब आठ हजार किलो रॉ मटेरियल और करीब 20 हजार किलो तैयार नकली जीरा बरामद किया है जो बाजार में बिकने के लिए तैयार था।
पांच लोग हुए गिरफ्तार
पुलिस ने फैक्ट्री मालिक सहित पांच लोगों को मौके से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि नकली जीरा बनाने का काम कमीशन पर करते थे। एक किलो जीरा बनाने के लिए दो रुपये मिलते थे। इस नकली जीरे को 20 रुपये किलो की हिसाब से बाजार के बेचते थे, जबकि बाजार में असली जीरे की कीमत करीब चार सौ रुपये किलो है। देखने में नकली जीरा बिल्कुल असली के जैसा लगता है। एक नजर में इसमें अंतर करना संभव नहीं है। पुलिस अब दिल्ली के नकली जीरे के थोक और फुटकर व्यपारियों की तलाश कर रही है।
घास से बनाते थे नकली जीरा
ये लोग एक खास किस्म की घास, स्टोन पाउडर, और खास सीरे का इस्तेमाल कर नकली जीरा बना रहे थे। इस नकली जीरे को बनाने के लिए ज्यादातर रॉ मटेरियल राजस्थान से लाया जाता था और उससे नकली माल तैयार कर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में बेचते थे।