पूर्वी जिला प्रशासन ने एहतिहातन यमुना (Yamuna) में 24 नाव को उतार दिया गया है। जो लगातार 24 घंटे गश्त कर रहीं हैं। आपदा प्रबंधन की टीम के साथ प्रत्येक नाव पर दो गोताखोर तैनात किए गए हैं।
जिला प्रशासन की ओर से कुल 54 नाव को तैयार रखा गया है। जिन्हें जरूरत पडऩे पर कुछ मिनटों में ही यमुना नदी में उतार दिया जाएगा। इसके साथ ही 108 गोताखोरों की अलग-अलग टीम बनाई गई है।
राजधानी दिल्ली (Delhi) में यमुना (Yamuna) नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। शनिवार सुबह को यह 204.26 मीटर रिकॉर्ड किया गया। अभी यह खतरे के निशान 205.33 मीटर से कम जरूर है। लेकिन, पूर्वी जिला प्रशासन इसे लेकर हाई अलर्ट पर है।
चौबीस घंटे पानी के स्तर और नदी से सटे निचले इलाकों की निगरानी की जा रही है। हालांकि, अभी इन इलाकों को खाली करने जैसे कोई ऐलान या निर्देश जारी नहीं किया गया है।
पूर्वी जिला प्रशासन ने एहतिहातन यमुना में 24 नाव को उतार दिया गया है। जो लगातार 24 घंटे गश्त कर रहीं हैं। आपदा प्रबंधन की टीम के साथ प्रत्येक नाव पर दो गोताखोर तैनात किए गए हैं।
जिला प्रशासन की ओर से कुल 54 नाव को तैयार रखा गया है। जिन्हें जरूरत पडऩे पर कुछ मिनटों में ही यमुना नदी में उतार दिया जाएगा। इसके साथ ही 108 गोताखोरों की अलग-अलग टीम बनाई गई है।
यह दिक्कत हो सकती है
बीते दिनों हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ा है। अगर यह खतरे के निशान से ऊपर जाता है तो यमुना खादर में बसे कई हजार लोगों को बाहर निकालना होगा।
गढ़ी मेंढूं, पुराना उस्मानपुर गांव, लोहे का पुल क्षेत्र, शास्त्री पार्क में बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। इसके अलावा अक्षरधाम मंदिर के आसपास, पांडव नगर व शास्त्री पार्क, उस्मानपुर में कुछ लोग यमुना खादर में अभी फूलों की खेती भी करते हैं, जिन्हें नुकसान पहुंच सकता है। पुराना लोहे के पुल पर रेलवे ब्रिज के निर्माण समेत अन्य निर्माणकार्य रुक जाएंगे।