नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) पुलिस (Police) ने राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 एफआईआर (FIR) दर्ज की हैं। इनमें से एक आपराधिक साजिश के साथ लाल (Lal) किले (Kila) में डकैती डालने का मामला भी दर्ज किया गया है।
दिल्ली: दिल्ली के लाल किले के अंदर की तस्वीरें, जहां पर सीसीटीवी कैमरा टूटा हुआ है, सामान ज़मीन पर बिखरे हुए है और कांच के टुकड़े भी ज़मीन पर पड़े हुए दिखे।
प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने कल किले के पोल पर चढ़कर अपना झंडा फहराया था। pic.twitter.com/TNB3YL9bq4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2021
कोतवाली थाने में 10 से ज्यादा विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। धारा 395, धारा 397, धारा 120b जैसी गंभीर आपराधिक धाराएं भी शामिल की गई हैं। आरोप के मुताबिक लाल किले के अंदर आपराधिक साजिश के तहत डकैती डाली गई और वहां से कुछ सामान भी ले जाया गया। मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी।
Delhi Police register FIR under IPC Sec 395 (dacoity), 397 (robbery, or dacoity, with attempt to cause death or grievous hurt), 120 b (punishment of criminal conspiracy) and other sections, regarding yesterday’s violence. Matter to be investigated by Crime Branch: Delhi Police
— ANI (@ANI) January 27, 2021
सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान कर रही पुलिस
गणतंत्र दिवस वाले दिन लाल किले की प्राचीर पर चढ़ने वालों, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुचाने वालों औरल दिल्ली में हिंसा में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो को खंगाला जा रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, खासकर लाल किले और किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था। अतिरिक्त पीआरओ (दिल्ली पुलिस) अनिल मित्तल ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के दौरान 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
90 मिनट तक अफरा-तफरी मची रही
पुलिस ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने चार मार्गों पर शांतिपूर्ण परेड निकालने का आश्वासन दिया था, लेकिन मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे छह से सात हजार ट्रैक्टर सिंघू बॉर्डर पर एकत्र हो गए और तय मार्गों के बजाय मध्य दिल्ली की ओर जाने पर जोर देने लगे। बार-बार समझाने के बावजूद निहंगों की अगुवाई में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया, उन्होंने अवरोधक तोड़ दिये और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को कुचलने का प्रयास किया। हालांकि बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज करके हिंसक भीड़ को नियंत्रित किया।
लेकिन यहां से वे लाल किले की ओर बढ़ गए। लगभग 90 मिनट तक अफरा-तफरी मची रही, किसान अपनी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर इस ऐतिहासिक स्मारक तक पहुंच गए थे।वहां वे उस ध्वज-स्तंभ पर भी अपना झंडा लगाते दिखे, जिसपर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को लाल किला परिसर से हटा दिया था।