नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली की अवैध कॉलोनियां को नियमित करने का फैसला लिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को मालिकाना हक देने वाले बिल को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की। कैबिनेट बैठक में इसके अलावा सरकार ने वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों को राहत देते हुए उनके लिए स्पेक्ट्रम किस्त का भुगतान दो साल के लिए टालने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी। निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को 2020-21 और 2021-22 दो साल के लिए स्पेक्ट्रम किस्त भुगतान से छूट दी गई है। सूत्रों ने बताया कि सरकार के इस फैसले से दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो को 42,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने दिवाली से ठीक पहले दिल्ली (Delhi) की अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला किया था। दिल्ली में कुल 1797 अनियमित कॉलोनी हैं। बता दें कि कॉलोनियों को नियमित करने के दौरान सर्कल रेट का कुछ प्रतिशत रेग्यूलरेजाइशेन फ़ीस के तौर पर लिया जाएगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को सियासी तौर पर मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है। केजरीवाल सरकार ने पहले ही इन कॉलोनियों में विकास कार्य शुरू करा दिया था। अब केंद्र ने कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया। बता दें कि 29 अक्टूबर को इस बारे में गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है। इससे पहले आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने यह दावा किया था कि मोदी सरकार इसके लिए बिल नहीं लाएगी? संजय सिंह ने एक ट्वीट कर कहा था, ‘भाजपा सरकार का झूठ पकड़ा गया धोखेबाजी सामने आ गई। देखिए ये है संसद सत्र में आने वाले बिल की सूची। दिल्ली वाले भाइयो देख लीजिए इसमें अनाधिकृति कॉलोनियों को पक्का करने का कोई बिल नहीं. धोखा नहीं रजिस्ट्री दो।