5 दिन सरकारी क्वारंटाइन जरूरी करने पर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार आमने-सामने

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नई दिल्ली : कोरोना (corona) मरीजों के लिए 5 दिन सरकारी क्वारंटाइन (quarantine) जरूरी करने पर अब उपराज्यपाल और दिल्ली (Delhi) सरकार (government) आमने-सामने हैं।

दिल्ली (Delhi) सरकार (government) का कहना है कि इससे लोगों में कोरोना के प्रति डर बढ़ेगा क्योंकि अबतक हल्के लक्षण वाले लोग होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं।

अब अरविंद (Arvind) केजरीवाल (Kejriwal) की तरफ से मेडिकल स्टाफ कम होने और क्वारंटीन (quarantine) की ठीक व्यवस्था नहीं होने की बात कही गई है। दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद (Arvind) केजरीवाल (Kejriwal) ने शनिवार को कहा कि रेलवे ने आइसोलेशन के लिए कोच तो दिए हैं लेकिन इस गर्मी में उनमें कौन रह पाएगा।

आगे कहा कि पहले से ही हेल्थकेयर स्टाफ की कमी चल रही है। ऐसे में क्वारंटीन सेंटर में हजारों मरीजों के लिए नर्स और डॉक्टर कहां से लाए जाएंगे। पूरे देश से हटकर दिल्ली (Delhi) के लिए अलग नियम क्यों बनाए गए हैं।

दिल्ली (Delhi) स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक खत्म हो गई है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस बैठक में होम आइसोलेशन खत्म करने के संबंध में उपराज्यपाल के शुक्रवार के फैसले का दिल्ली सरकार ने विरोध किया। इस पर भी कोई फैसला नहीं हुआ। शाम को फिर चर्चा होगी।

सिसोदिया (Sisodia) ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में केवल 24 फीसदी बेड को सस्ता करने की सिफारिश की है जबकि दिल्ली सरकार कम से कम 60 फीसदी बेड सस्ते देने पर अड़ी है। यहीं बात अटक गई है। शाम को फिर इस पर चर्चा होगी।

राजधानी दिल्ली (Delhi) में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार को आदेश दिया था कि राजधानी में अब कोरोना के सभी मरीजों को शुरू में 5 दिन तक सरकारी क्वारंटीन में रहना होगा। अगर इस दौरान मरीज में सुधार दिखा तो उसे बाकी दिनों के लिए होम क्वारंटीन में भेजा जा सकता है।

लेकिन इस दौरान भी जिला अधिकारी की ओर से गठित सर्विलांस टीमें घर आकर जांच करेंगी कि होम आइसोलेशन का पूरी तरह पालन हो रहा है या नहीं। अभी तक मरीज से फोन के जरिए ही संपर्क किया जाता था। लेकिन फोन की सुविधा को तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया गया है।

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने शुक्रवार को ही आदेश पर नाराजगी जताई थी। कहा था कि इससे अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती है, क्योंकि अभी 8500 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव होम क्वारंटीन में हैं और आदेश के बाद उन्हें सरकारी क्वारंटीन की जगहों में शिफ्ट करना बड़ी चुनौती होगा।

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