नई दिल्ली: लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए टकराव को भले ही स्थानीय स्तर पर सुलझा लिया गया लेकिन मामला पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। चीन ने सीमा पर बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती कर दी है। बड़ी तादाद में मोटर बोट भी तैनात किए हैं। सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि हालात पर भारत के शीर्ष नेतृत्व की करीबी नजर है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और हर एक गतिविधियों की जानकारी ले रहे हैं।
यह भी माना जा रहा है कि चीनी सैनिकों ने पैंगोंग सो लेक के किनारे अपनी-अपनी पोजिशन भी ले ली है और मोटरबोट के जरिए आक्रामक गश्ती कर रहे हैं। इतना ही नहीं, बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने जो अस्थायी ढांचा बना रखे थे, उन्हें भी नुकसान पहुंचाया गया है।
गलवान में जहां दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव हुआ, वहां चीन के सैनिक अब भी तैनात हैं। जवाब में भारत ने भी सैनिकों के जमावड़े को बढ़ा दिया है। जो रिपोर्ट्स आ रही हैं, उनके मुताबिक गलवान में टकराव वाली जगह के करीब 4 किलोमीटर के दायरे में चीन ने अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर दी है।
सूत्रों ने बताया कि चीनी सैनिकों का संभावित निशाना दरबुकशियोक-दौलत बेग ओल्डी (DBO) रोड हो सकता है, जिसे भारत ने पिछले साल बनाया है। यह रोड सब सेक्टर नॉर्थ (SSN) के लिए जीवन रेखा की तरह है। हालांकि, चीन को किसी भी तरह की हिमाकत से रोकने के लिए भारत ने भी पर्याप्त संख्या में सैनिकों की तैनाती की है। सूत्रों ने बताया कि जमीनी स्थिति 1962 से जुदा है, जब चीनी सेना ज्यादा तादाद की वजह से बहुत भारी पड़ी थी।
गलवान एरिया में रोड और पुल बनने से चीनी पक्ष नाखुश है। भारतीय सुरक्षा बल पुल और रोड का इस्तेमाल पट्रोलिंग के लिए कर रहे हैं। इसके अलावा इनसे स्थानीय आबादी का जीवन भी आसान हुआ है।
दोनों देशों के बीच विवाद को उच्च स्तर पर बातचीत के जरिए हल करने की कोशिशें जारी हैं। हालांकि, चीनी मीडिया की हालिया टिप्पणियां बताती हैं कि चीन आक्रामकत रुख अपना रहा है। चीनी मीडिया के मुताबिक चीन इलाके पर अपनी ‘पकड़ मजबूत’ कर रहा है।
ताजा स्थितियों पर भारतीय पक्ष ने विस्तार से कोई टिप्पणी नहीं की है बल्कि यही कहा है कि विवादित सीमा पर इस तरह के टकराव होते रहते हैं और इन्हें बातचीत के जरिए लोकल स्तर पर ही निपटा लिया जाता है। लद्दाख में टकराव के बाद दोनों देशों ने टकराव वाली जगह और आस-पास के इलाके में अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है जो अब दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर गया है।
जिस जगह पर टकराव हुआ था, वहां पर चीन की तरफ से 80 से ज्यादा टेंट लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा चीन की तरफ से अस्थायी डिफेंसिव पोजिशन भी तैयार किए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने गलवान नदी के करीब री-इनफोर्समेंट भी तैयार कर रखा है।