नई दिल्ली: इंडिया (India) की देसी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaccine) को जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी मिल सकती है। हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक की ईओआई यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट को स्वीकार कर लिया है, जिससे इसे हरी झंडी मिलने का आधार रास्ता साफ हो चुका है। कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक अगले बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ अपनी प्री-सबमिशन मीटिंग करेगी। यानी 23 जून को कोवैक्सीन की मंजूरी के लिए यह बैठक होगी।
दरअसल, कोवैक्सिन को आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने मिलकर विकसित किया है। अब तक इस वैक्सीन को अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी यूज की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है, जिसकी वजह से कई देशों ने कोवैक्सीन लगवाने वाले लोगों के ट्रेवल को मंजूरी नहीं दी है। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत बायोटेक को अपने कोवैक्सीन टीके को आपात इस्तेमाल के लिये सूचीबद्ध कराने को लेकर और अधिक जानकारी देने को कहा था। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर जारी एक दस्तावेज में कहा गया था कि भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को EOI यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट पेश की थी। इस संबंध में और अधिक जानकारी की जरूरत है।
वहीं, भारत बायोटेक ने बताया है कि वह जुलाई के दौरान कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल डेटा को सार्वजनिक करेगी, जिसके बाद कंपनी भारत में कोविड -19 वैक्सीन के पूर्ण लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी। फिलहाल भारत में इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली हुई है।
इससे पहले भारत बायोटेक ने कहा था कि उसे कोरोना के अपने टीके कोवैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से जुलाई-सितंबर तक इमरजेंसी इस्तेमाल मंजूरी (ईयूए) मिलने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा कि कोवैक्सीन के लिए 60 से अधिक देशों में नियामकीय मंजूरी प्रक्रिया में है, जिसमें अमेरिका, ब्राजील, हंगरी जैसे देश शामिल हैं।
इधर, हाल ही में भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन को झटका देते हुए अमेरिकी खाद्य एवं दवा नियामक ने इसके अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक को सलाह दी है कि वह भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी हासिल करने के लिए अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन (बीएलए) मार्ग से अनुरोध करे। ऐसे में कोवैक्सीन को अमेरिकी मंजूरी मिलने में थोड़ा और वक्त लग सकता है।