नई दिल्ली: अडानी समूह के लिए जनवरी के आखिरी हफ्ते से जो मुश्किलों का दौर शुरू हुआ है वो इस समूह के अलावा देश की राजनीति में भी भारी उठापठक को सामने ला रहा है।
आम जनता से लेकर शेयर बाजार के जानकार इस चिंता में व्यस्त हैं कि आखिर अडानी समूह के शेयरों में गिरावट का सिलसिला कब थमेगा। अब इसी कड़ी में एक नई खबर सामने आ रही है जो इस बात का संकेत समझी जा सकती है कि अडानी समूह के लिए कठिनाई का दौर गहरा हो रहा।
क्या अडानी समूह ने दिया जवाब
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक ये समूह कुछ बिजनेस के केपैक्स प्लान की रफ्तार धीमी करेगा। इस क्रम में उधारदाताओं के पास अपने स्टॉक्स को गिरवी रखने की प्रक्रिया को भी धीमा किया जाएगा। हालांकि रॉयटर्स के मुताबिक अडानी समूह ने इस खबर से जुड़े सवालों का कोई जवाब नहीं दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पहले कंपनी अपने केपैक्स प्लान के तहत जिन बिजनेस को बढ़ाने की प्रक्रिया 12 महीनों में पूरा करने की योजना बना रही थी, अब इसमें 16 से 18 महीने का वक्त लग सकता है। इसका अर्थ है कि समूह अपनी पूंजी विस्तार योजनाओं पर सामान्य चाल से आगे बढ़ेगा और परिस्थितियों के सामान्य होने का इंतजार करेगा।
अन्य वैकल्पिक योजनाओं पर काम करेगा अडानी ग्रुप
ग्रुप के सामने अब इस समय अन्य वैक्ल्पिक रास्ते हैं जैसे आंतरिक स्त्रोतों से फंडिंग जुटाना, प्रमोटर इक्विटी फंडिंग और इसके प्रोजेक्ट्स के लिए निजी प्लेसमेंट के जरिए फंडिंग हासिल करने का रास्ता अपनाया जा सकता है।
अपने कैपिटल एक्सपेंशन प्लान की रफ्तार धीमी करेगा अडानी ग्रुप
दरअसल अडानी समूह ने अब अपने कैपिटल एक्सपेंशन या पूंजी विस्तार के कार्यक्रम को छोटा करने का फैसला किया है. लाइवमिंट में छपी एक खबर के मुताबिक इस मामले की जानकारी रखने वाले कुछ लोगों ने रॉयटर्स को बताया है कि अडानी ग्रुप केपैक्स की योजनाओं का दायरा छोटा कर रहा है। इस खबर के आने से पहले ही अडानी समूह अपने 2.5 अरब शेयरों की बिक्री की योजना को वापस ले चुका है।
अपने कैपिटल एक्सपेंशन प्लान की रफ्तार धीमी करेगा अडानी ग्रुप
दरअसल अडानी समूह ने अब अपने कैपिटल एक्सपेंशन या पूंजी विस्तार के कार्यक्रम को छोटा करने का फैसला किया है। लाइवमिंट में छपी एक खबर के मुताबिक इस मामले की जानकारी रखने वाले कुछ लोगों ने रॉयटर्स को बताया है कि अडानी ग्रुप केपैक्स की योजनाओं का दायरा छोटा कर रहा है। इस खबर के आने से पहले ही अडानी समूह अपने 2.5 अरब शेयरों की बिक्री की योजना को वापस ले चुका है।