छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले के दौरान जवाबी कार्रवाई में शहीदों ने 12 नक्सलियों ढेर किया है, जिनमें से कई गंभीर रूप से घायल भी बताए जा रहे हैं। इस हमले में 22 जवान शहीद हुए और 32 घायल हैं। वहीं, एक जवान लापता है।
केंद्र ने राज्य को दिया मदद का भरोसा
अमित शाह की बैठक में ताजा हालात की समीक्षा के साथ रणनीति पर भी विचार किया गया है। बैठक में आईबी के निदेशक, गृह सचिव, सीआरपीएफ और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
वहीं, अमित शाह ने सीएम भूपेश बघेल से इस मुद्दे पर बातचीत की और केंद्र सरकार की तरफ से हर स्तर पर राज्य सरकार को मदद देने का भरोसा दिलाया। अमित शाह और भूपेश बघेल दोनों असम में अपनी-अपनी पार्टियों का चुनाव प्रचार बीच में छोड़ वापस लौट आए हैं।
चलाया जा रहा था नक्सल विरोधी अभियान
शुक्रवार की रात बीजापुर और सुकमा जिले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था।नक्सल विरोधी अभियान में बीजापुर जिले के तर्रेम, उसूर, सुकमा जिले के मिनपा और नरसापुरम से लगभग दो हजार जवान शामिल थे।
शनिवार को बीजापुर के तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाडिय़ों के पास सुरक्षाबलों की ज्वाइंट टीम के साथ नक्सलियों की चार घंटे मुठभेड़ चली थी। इस हमले का मास्टरमाइंड बटालियन नंबर वन का हेड हिडमा है। माओवादियों का ये सबसे बड़ा बटालियन है। नक्सलियों ने शहीद जवानों के हथियार और जूते भी लूट लिए हैं।
बीजापुर नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों के पार्थिव अब उनके गांव पहुंचने लगे हैं। बिजापुर के पास आवापल्ली गाव मे समैय्या मडवी नाम के एक शहीद जवान का पार्थिव शरीर जब पहुंचा तो गाव का वातावरण शोकाकुल हो गया। बस्तर के बीजापुर में इस साल ये सबसे बड़ा नक्सली हमला था। इस हमले के बाद नक्सल समस्या से निपटने की बहस फिर नए सिरे से शुरु हो गई है।