सीमा पर आंखें दिखा रहे नेपाल को भारत ने दिए ‘सैनिक’

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नई दिल्‍ली : नेपाल (Nepal) वो पड़ोसी है जिसका भारत (india) ने हमेशा छोटे भाई की तरह ध्‍यान रखा है। इधर पिछले कुछ दिनों से वह चीन (china) के प्रभाव में आकर भारत (india) के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठा है। पहले अपने नए नक्‍शे में भारत के कई इलाकों को अपने सीमा में शामिल कर लिया।

उसके बाद बिहार से लगे बॉर्डर (border) पर अचानक वहां की सशस्‍त्र पुलिस ने गोलियां बरसा दीं। हमले में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई और दो घायल हैं।

इन सारे घटनाक्रम के बावजूद, भारत मित्रता निभा रहा है। शनिवार को देहरादून में इंडियन मिलिट्री अकैडमी (IMA) की पासिंग आउट परेड थी। कुल 423 कैडेट्स में से तीन कैडेट्स नेपाल से भी थे।

चीन, नेपाल, अफगानिस्‍तान के कैडेट्स को मिली ट्रेनिंग

IMA में मित्र देशों के कैडेट्स को भी ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग में कुल 333 भारतीय और नौ देशों के 90 कैडेट्स पास हुए हैं। इस बार विदेश‍ियों में सबसे ज्‍यादा 48 मिलिट्री ऑफिसर अफगानिस्‍तान के थे। तजाकिस्‍तान के 18 कैडेट्स को भी ट्रेनिंग दी गई।

इसके अलावा चीन के भी कई कैडेट्स शामिल रहे। इसके अलावा भूटान, मालदीव, श्रीलंका के कैडेट्स को भी ट्रेनिंग दी जाती है। भारतीय सेना में नेपाली नागरिकों को मौका भी दिया जाता है।

पासिंग आउट सेरेमनी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब वर्दी पर रैंक का बैज लगाने के लिए कैडेट्स के लिए कैडेट्स के माता-पिता मौजूद नहीं रहे।

नए नक्‍शे से भारत को चुनौती दे चुका है नेपाल

नेपाल (Nepal) ने पिछले महीने अपना नया नक्‍शा जारी किया था। इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया है। प्रधानमंत्री के. पी. ओली के नेतृत्व वाली नेपाल (Nepal) कम्युनिस्ट पार्टी ने इस संविधान संशोधन विधेयक को नेपाल की संसद में पेश किया।

प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस और मधेसी-आधारित पार्टियों की तरफ से इसे समर्थन भी मिला। भारत ने 28 मई को कहा था कि वह नेपाल के साथ पारस्परिक सम्मान के आधार पर और सीमा के मुद्दे को हल करने के लिए विश्वास के माहौल में मुद्दे को सुलझाना चाहता है।

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