नई दिल्ली : कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित होने के बाद डॉक्टरों को उचित बेड और उपचार नहीं मिलने की खबरों से परेशान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने शनिवार को इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र (Narendra) मोदी (Modi) का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्हें एक पत्र लिखा है.
एसोसिएशन ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से स्वास्थ्य देखभाल समुदाय पर गलत प्रभाव पड़ेगा, जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में फ्रंटलाइन पर है.पत्र में लिखा गया है, “डॉक्टरों और उनके परिवारों को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए बेड नहीं मिलने और दवाओं की कमी के बारे में कई परेशान कर देने वाली रिपोर्टें सामने आई हैं.
यह (पत्र) हमारे स्वास्थ्य देखभाल समुदाय के गिरते मनोबल और इस पर पड़ने वाले गलत प्रभाव की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए है.”
डॉक्टरों की बड़ी संख्या संक्रमित हो रही है और जान गंवा रही है
आईएमए (IMA) के महासचिव आर.वी. अशोकन ने कहा “हमें इस कोविड संकट के दौरान डॉक्टरों की सुरक्षा की बढ़ती चिंताओं के कारण उनके (PM) ध्यान और अनुग्रह की आवश्यकता है.
कोविड (Covid) के कारण डॉक्टरों की बड़ी संख्या संक्रमित हो रही है और जान गंवा रही है.”इसके अलावा, एसोसिएशन ने सभी क्षेत्रों में डॉक्टरों के लिए राज्य प्रायोजित चिकित्सा और जीवन बीमा सुविधाओं को बढ़ाने की भी मांग की.
IMA ऩे कहा- 40 प्रतिशत डॉक्टरों ने महामारी के कारण जान गंवाई
आईएमए (IMA) के अनुसार, जिन 40 प्रतिशत डॉक्टरों ने महामारी के कारण जान गंवाई, वे जनरल प्रैक्टिशनर थे जो निजी क्षेत्रों में या स्वतंत्र रूप से काम करते थे.
इसमें कहा गया कि “यह उल्लेख करना उचित है कि कोविड (Covid) सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच अंतर नहीं करता है.”आईएमए (IMA) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चला है कि कोरोना के कारण मरने वाले डॉक्टरों में से 87 प्रतिशत की आयु 50 वर्ष से अधिक थी.