भारत (India) और चीन (china) के बीच लद्दाख (Ladakh) बॉर्डर (Border) पर तनातनी बरकरार है. इस बीच दोनों देशों की सेनाएं विवाद को खत्म करने के लिए बातचीत कर रही हैं. लेकिन स्थिति की गंभीरता बनी हुई है और ऐसे में इसी हफ्ते सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे लद्दाख जा सकते हैं.
सूत्रों की मानें तो सेना प्रमुख का ये दौरा इसी हफ्ते होगा. जिसमें वह लद्दाख की मौजूदा स्थिति, ग्राउंड के हालात की जानकारी लेंगे. साथ ही ग्राउंड कमांडर से चर्चा करेंगे.
लद्दाख (Ladakh) में पिछले एक महीने में तनाव बरकरार है, लेकिन पिछले एक हफ्ते में हालात लगातार बिगड़ते हुए दिख रहे हैं. ऐसे में सेना प्रमुख का लद्दाख जाना वहां मौजूद सैनिकों के लिए उत्साह बढ़ाने वाला होगा.
आपको बता दें कि इससे पहले पिछले दिनों वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने भी लेह बेस का दौरा किया था, जो अचानक हुआ था. वायुसेना प्रमुख ने ग्राउंड का जायजा लिया था और तैयारियों को परखा था.
गलवान घाटी में 15 जून की घटना में देश के 20 जवान शहीद हो गए, तभी से तनाव बरकरार है. और चीन के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए भारत कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है यही कारण है कि थल, जल और नभ में सेनाएं पूरी तरह से मुस्तैद हैं.हैं.
भारत (India) की मांग है कि अप्रैल से पहले की स्थिति लागू की जाए और चीनी सैनिक वापस पहुंचे. सामान्य हालात में चीनी सैनिक गलवान घाटी की पैंगोंग झील के फिंगर 8 इलाके में रहते हैं, लेकिन मई में वह काफी आगे गए थे. अब भारत पहले की स्थिति चाहता है और इसी मसले पर मंथन जारी है.