CBSE 10th 12th Exams 2020 : सीबीएससी (CBSE) की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं जुलाई में कराने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (court) में याचिका दायर की गई। इस साल सीबीएसई (CBSE) परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों के अभिभावकों ने सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (court) में याचिका दायर की है।
चार अभिभावकों ने याचिका में कहा है कि सीबीएसई (CBSE) के 18 मई के फैसले जिसमें 1 जुलाई से सीबीएसई (CBSE) की 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाएं कराए जाने की बात कही गई है, उसे रद्द किया जाए।
छात्रों के अभिभावकों ने सुप्रीम (Supreme) कोर्ट (court) से मांग की है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) के 12वीं क्लास के बचे हुए पेपर न कराए जाएं, क्योंकि देश में कोरोना (corona) वायरस (virus) तेजी से फैल रहा है। ऐसी स्थिति में एग्जाम देने से बच्चों के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि सीबीएसई (CBSE) की परीक्षाएं जुलाई में होनी हैं और एम्स के आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 महामारी उस समय पीक पर होगी। इसलिए याचिकाकर्ताओं ने प्रार्थना की है कि जुलाई में होने वाली सीबीएसई (CBSE) की दसवीं और बारहवीं की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाए और इंटरनल असेस्मेंट के आधार पर स्टूडेंट्स का रिजल्ट घोषित किया जाए।
आपको बता दें कि सीबीएसई (CBSE) बोर्ड की बाकी बची परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयोजित होनी हैं। सीबीएसई फिलहाल 12वीं के 29 मुख्य विषयों की ही परीक्षा ले रहा है।
आपको बता दें कि बोर्ड भी अभी असमंजस में है कि कन्टेनमेंट जोन और वहां रह रहे उन छात्रों का क्या किया जाए जो परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगे। सीबीएसई (CBSE) 10वीं 12वीं की शेष परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई के बीच 13000 स्कूलों में होनी हैं।
एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि ऐसे छात्रों के लिए विदेश में पढ़ाई कर रहे सीबीएसई स्टूडेंट्स जैसा ही फैसला लिया जा सकता है। विदेश में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए सीबीएसई (CBSE) ने शेष परीक्षाएं न कराने का फैसला लिया है।
कन्टेनमेंट जोन के स्टूडेंट्स के लिए भी ऐसे विकल्प पर विचार किया जा सकता है।’ अगर सीबीएसई (CBSE) कन्टेनमेंट जोन से स्टूडेंट्स को परीक्षा केंद्र बुलाने का फैसला करती है तो इसके लिए भी केंद्रीय गृह मंत्रालय से फैसला लेना होगा।