विश्व स्वास्थ्य संगठन के दल ने शुक्रवार को वुहान के उस अस्पताल का दौरा किया, जहां चीन (China) के मुताबिक एक वर्ष पहले कोविड-19 (Covid-19) के पहले मरीज का उपचार किया गया था। दल कोरोना (Corona) वायरस (Virus) की उत्पत्ति के बारे में तथ्यों का पता लगाने के अभियान पर यहां आया है।
Just back from visit at Jinyintan hospital, that specialised in infectious diseases and was designated for treatment of the first cases in Wuhan. Stories quite similar to what I have heard from our ICU doctors.
— Marion Koopmans (@MarionKoopmans) January 30, 2021
अस्पताल के दौरे से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के दल के सदस्यों ने चीन के अधिकारियों से व्यक्तिगत मुलाकात की। यह दल आगामी दिनों में वुहान में कई स्थानों का दौरा करेगा। हॉलैंड की वायरोलॉजिस्ट मारियन कूपमान्स ने ट्वीट किया, ‘‘अपने सहयोगियों के साथ मुलाकात की।’’
चीन में 27 दिसंबर 2019 को आया था पहला मामला
चीन आने के बाद से 14 दिन के लिए यह दल क्वारंटीन में था, गुरुवार को उनकी क्वारंटीन अवधि समाप्त हुई। चीन के मुताबिक, कोरोना वायरस के पहले मरीज का इलाज ‘हुबेई प्रॉवेंशियल हॉस्पिटल ऑफ इंटिग्रेटेड चाइनीज एंड वेस्टर्न मेडिसीन’ में हुआ।
यहां कोविड-19 का पहला मामला 27 दिसंबर 2019 को सामने आया था। डब्लूएचओ ने पहले कहा था कि दल ने इस महामारी से संबंधित विस्तृत डेटा मांगा है और वह कोविड-19 के शुरुआती मरीजों और उनका इलाज करने वालों से भी मुलाकात करेगा। हुनान सीफूड मार्केट, वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और वुहान सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की लैब्स जैसे स्थानों पर भी जाएगा।
वैज्ञानिकों के लिए ये जांच ज़रूरी
वैज्ञानिकों के लिए ये जांच इसलिए जरूरी है ताकि फिर कभी नई महामारी को रोका जा सके। लेकिन चीन अपनी बदनामी से डर रहा है और आशंका है कि वैज्ञानिकों की जांच में अड़चनें पैदा की जाएंगी उन तक पूरी सूचनाएं पहुंचने नहीं दी जाएंगी। पहले भी सामने आ चुका है कि कोरोना से जुड़ी कोई जानकारी सरकार की इच्छा के बिना बाहर नहीं आने दी जा रही है।