- जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा होने के बाद लगाया आपातकाल
- प्रधानमंत्री आबे ने मंगलवार को तोक्यो, ओसाका और 5 अन्य प्रांतों में आपातकाल घोषित कर दिया है
- आबे ने कहा कि ऐसे हालात बन रहे हैं जो लोगों के जीवन और अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं
अधिकारियों और सांसदों के भारी दबाव में थे PM
आपातकाल की घोषणा आधी रात से प्रभाव में आने की संभावना है और यह सात प्रभावित क्षेत्रों के गर्वनरों को लोगों से घरों में रहने तथा उद्यमों से संस्थान बंद करने का अधिकार देगी। जिन अन्य क्षेत्रों में आपातकाल घोषित किया गया है, उनमें सैतमा, कांगवा, चीबा, हयोगो और फुकुओका शामिल है। माना जा रहा है कि सरकार को डर है कि देश में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस का प्रसार हो सकता है। इसी को देखते हुए आपातकाल का फैसला लिया गया है।
दरअसल, जापान के प्रधानमंत्री कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों और सांसदों के भारी दबाव में थे। उनका कहना था कि सरकार जल्द कार्रवाई करे नहीं तो देर हो जाएगी। पिछले तीन सप्ताह से सरकार यह फैसला लेने से हिचक रही थी। उसे डर सता रहा था कि अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी। हालांकि कोरोना के मामले बढ़ने के बाद आबे को आपातकाल लगाना पड़ा है। जापान में 3,906 लोग कोरोना से संक्रमित हैं और 92 लोगों की मौत हो गई है।