अमेरिका ने तोड़ा WHO से नाता: चीन पर कोरोना की दोहरी मार

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  • कोरोना वायरस के कारण दुनिया में घिरा चीन, अमेरिका समेत कई देश सख्त
  • चीन पर अमेरिका ने लगाए कई कड़े प्रतिबंध, चीनी नागरिकों के प्रवेश को लेकर भी होगी समीक्षा
  • भारत के साथ भी सीमा विवाद को भड़का रहा चीन, लद्दाख में तैनाक की फौज
  • ऑस्ट्रेलिया के साथ भी चीन के रिश्ते सामान्य नहीं, व्यापार युद्ध की आशंका

Coronavirus China Relations: कोरोना वायरस के कहर के कारण सार्वजनिक आलोचना का सामना कर रहा चीन दुनिया में घिरता जा रहा है। हालांकि, इसके बाद भी उसकी हेकड़ी कम नहीं हुई है। हाल में ही चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी करने के आदेश दिए थे। वहीं, अमेरिका के विश्व स्वास्थ्य संगठन से नाता तोड़ने पर भी चीन को बड़ा झटका लगा है।

कोरोना को लेकर घिरा चीन

वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस को लेकर दुनिया के अधिकतर देश चीन की आलोचना कर चुके हैं। कुछ दिनों पहले डब्लूएचओ की बैठक में चीन ने यूरोपीय यूनियन के उस प्रस्ताव का विरोध किया था जिसमें इस वायरस के उत्पत्ति के जांच की मांग की गई थी। हालांकि, बाद में वैश्विक दबाव के कारण चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग और विदेश मंत्री वांग यी ने इस जांच के समर्थन की घोषणा की।

अमेरिका से बढ़ा तनाव
ट्रेड वॉर को लेकर अमेरिका और चीन में जारी तनाव का अभी खात्मा हुआ नहीं था कि कोरोना वायरस ने आग में घी का काम किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुलेआम कोरोना को चीनी वायरस या वुहान वायरस के नाम से संबोधित कर चुके हैं। उन्होंने चीन पर इस वायरस के दुनियाभर में प्रसार का भी आरोप लगाया। अमेरिका ने यह भी कहा कि चीन इस वायरस को लेकर जांच में कोई सहयोग नहीं कर रहा।

आखिरकार अमेरिका ने तोड़ा WHO से नाता, चीन को फिर लताड़ाकोरोना का सबसे ज्यादा कहर झेल रहे अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अपने सारे संबंध तोड़ लिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका ऐलान किया है। साथ ही ट्रंप ने कोरोना को लेकर एक बार फिर चीन को खरी-खोटी सुनाई। देखिए-

अमेरिका ने चीन पर लगाए प्रतिबंध
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कुछ चीनी नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने का ऐलान किया। इतना ही नहीं, उन्होंने अमेरिका में चीन से आने वाले इन्वेस्टमेंट के नियमों को भी कड़ा करने का फैसला किया। बता दें कि कुछ दिन पहले ही अमेरिकी कांग्रेस में चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने को लेकर एक बिल पेश किया गया है।

सीमा विवाद पर चीन की भारत से ठनी
लद्दाख में सड़क निर्माण को लेकर भारत और चीन के बीच तनातनी अब भी जारी है। दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर एक दूसरे के सामने तंबू डालकर बैठी हुई हैं। वहीं तनाव बढ़ाने के बाद चीन अब शांतिदूत बनकर आपसी विवाद को सुलझाने की बात कर रहा है। चीन को यह आशा नहीं थी कि लद्दाख में भारत इतने आक्रामक तरीके से ड्रैगन के हर चाल को मात देगा। बता दें कि मई में ही सीमा विवाद को लेकर दो बार भारतीय और चीनी सेना के बीच हाथापाई हो चुकी है। जिसमें दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए थे।

ऑस्ट्रेलिया से भी चीन की दुश्मनी बढ़ी
कोरोना वायरस के उत्पत्ति की जांच का समर्थन करने के कारण चीन का ऑस्ट्रेलिया के साथ भी तनाव बढ़ गया है। दोनों देश एक दूसरे को जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं। चीन ने कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया को ‘अमेरिका का पालतू कुत्ता’ कहकर संबोधित किया था। इस पर ऑस्ट्रेलियाई प्रशासन ने कड़ी नाराजगी भी जताई थी। बता दें कि चीन उन वस्तुओं की सूची तैयार कर रहा है जिसे वह भारी मात्रा में ऑस्ट्रेलिया से आयात करता है। चीनी प्रशासन ऑस्ट्रेलिया से आने वाले मांस पर पहले ही रोक लगा चुका है।

ताइवान ने किया चीनी हस्तक्षेप का विरोध
ताइवान में हाल में ही राष्ट्रपति त्साई-इंग वेन के दोबारा चुनाव जीतने पर ड्रैगन बुरी तरह चिढ़ा हुआ है। चीन ने हाल में ही ताइवान की सीमा के पास अपने दो जंगी जहाज भेजे थे जिसके बाद ताइवान और चीन में तनाव और बढ़ गया। ताइवान ने हमेशा से चीन के एक देश दो सिस्टम कानून का विरोध किया है जिसके खिलाफ चीन ने सैन्य शक्ति के इस्तेमाल की धमकी दी है।

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