रोहतक : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार रहे प्रोफेसर वीरेंद्र के आरोपमुक्त होने से हरियाणा की राजनीति की दिशा और दशा बदल सकती है। इसका सीधा असर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर पॉजेटिव रूप से होने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं भाजपा के पसीने छूटने तय है। प्रो वीरेंद्र पर लगे जाट आरक्षण के दौरान हिंसा भड़काने जैसे आरोपों के कारण भारतीय जनता पार्टी लगातार पिछले कुछ सालों से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को घेरा करती थी। यहीं कारण था कि धीरे-धीरे कर प्रो वीरेंद्र और हुड्डा भी एक दूसरे से मंचों पर दूर हो गए। हुड्डा पर लगातार प्रो वीरेंद्र के कारण आरोप मड़े जाते रहे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। भाजपा समेत विपक्ष हुड्डा पर आरोप नहीं लगा सकेगा। चूंकि प्रोफेसर वीरेंद्र को रोहतक कोर्ट द्वारा आरोप मुक्त कर दिया गया है। पूर्व सीएम पर लगने वाले कथित आरोप अपने आप खत्म हो जाते है। इससे जो लोग उनसे आरोपों के कारण नाराज चल रहे थे वो अब उनसे फिर जुड़ सकेंगे। 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जो हालात थे उसके बाद भी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। इससे पहले ही पार्टी के अंदर और प्रदेश स्तर पर भूपेंद्र हुड्डा का कद बढ़ा हुआ है। वहीं अब प्रोफेसर वीरेंद्र के आरोपमुक्त होने के बाद हुड्डा का प्रदेशस्तर पर वर्चस्व बढ़ना तय है। इतना ही नहीं, भाजपा के उन नेताओं की अब हालत पतली होना तय है जो प्रोफेसर वीरेंद्र के कारण पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कठघरे में लाते थे। अब उनके लिए मुंह छिपाकर इस मामले पर बोलना आसान नहीं होगा। राजनीतिक पंडितों के अनुसार, आने वाले चुनाव से पहले अब हुड्डा प्रदेश में अपनी राजनीति को अपने हिसाब से चला सकेंगे। जिसका फायदा कांग्रेस को 2024 के विधानसभा चुनाव में भी होगा।